अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में बुधवार देर शाम एक बाद एक चार धमाके हुए। एक मस्जिद और उत्तरी शहर मजार-ए-शरीफ में यात्री वैन में तीन धमाके हुआ। मस्जिद में हुए विस्फोट में पांच लोगों की मौत हो गई। काबुल के पुलिस प्रवक्ता ने बताया कि काबुल में मस्जिद पर हुए विस्फोट में दो लोग घायल हो गए
लेकिन, काबुल के आपातकालीन अस्पताल ने एक ट्वीट में कहा कि उसे विस्फोट से पांच शव और एक दर्जन से अधिक घायल मरीज मिले हैं। वहीं तालिबान के एक अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर जानकारी दी कि मस्जिद के पल्पिट में विस्फोट रखे गए थे, जिसमें कम से कम 11 लोगों की मौत हुई है।
अफगानिस्तान : शिया समुदाय को टारगेट किया
उत्तरी बल्ख प्रांत में यात्री वैन में हुए तीन विस्फोटों में कम से कम नौ लोगों की मौत हुई है और 15 घायल हुए हैं। बल्ख प्रांत के पुलिस प्रवक्ता मोहम्मद आसिफ वजेरी ने रायटर को बताया शिया समुदाय को टारगेट करके हमला किया गया जो अफगानिस्तान में अल्पसंख्यक हैं।
तालिबान की सुरक्षा पर सवाल
अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे के बाद लगातार आतंकी घटना बढ़ गई हैं। लगातार हो रहे धमाके ने तालिबान की सुरक्षा पर सवाल खड़ा कर दिया है। इस हमले की जिम्मेदारी इस्लामिक स्टेट ने ली है, जिसका टारगेट शिया समुदाय रहता है जो अफगानिस्तान में अल्पसंख्यक है।
अफगानिस्तान : मस्जिद में लोग मौजूद थे
काबुल के रहने वाले चश्मदीद ने कहा- “हम यहीं पास में थे तभी बहुत जोर से धमाके की आवाज आई
आवाज इतनी जबरदस्त थी कि हम सब होश खो बैठे। ये धमाका जरकारिया मस्जिद में नमाज के
बाद हुआ। लेकिन बहुत लोग मस्जिद के अंदर
थे जब हम वहां पहुंचे तो हमने जमीन पर लाशें और कई लोगों को घायल अवस्था में पाया।
19 और 21 अप्रैल को भी हुए थे धमाके
इसके पहले 21 अप्रैल को मजार-ए-शरीफ की मस्जिद में धमाका हुआ था। इसमें पांच लोगों की मौत हो गई
थी जबकि 65 लोग घायल हो गए थे। इस हमले की जिम्मेदारी आईएसआईएस ने ली थी, जो एक इस्लामिक
आतंकी संगठन है।
इसी दिन मजार-ए-शरीफ के कुदुंज प्रांत के सरदारवर इलाके में भी धमाका हुआ था, जिसमें 4 लोगों की मौत और
18 लोग घायल हुए थे।
19 अप्रैल को काबुल के अब्दुल रहीम शाहिद हाई स्कूल में धमाके हुए थे, जिसमें 6 लोगों की मौत हो
गई थी जबकि दर्जन भर से अधिक घायल हो गए थे।
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