भीषण गर्मी से परेशान लोगों के लिए खुशखबरी है। इस साल दक्षिण-पश्चिम मानसून जल्द आ रहा है। अंडमान-निकोबार द्वीप समूह में 15 मई को मौसम की पहली बारिश होने की उम्मीद है। इस साल समय से चार दिन पहले 26 मई को मानसून के केरल पहुंचने की भी संभावना है।
समय से पहले केरल में दस्तक
भारतीय मौसम विभाग विभाग (आईएमडी) के डायरेक्टर जनरल मृत्युंजय मोहपात्रा ने बताया कि दक्षिण-पश्चिम के 15 मई के आसपास दक्षिण अंडमान सागर और निकटवर्ती दक्षिणपूर्वी खाड़ी में पहुंचने की संभावना है। मौसम विज्ञानियों के मुताबिक, विस्तारित पूर्वानुमानों में लगातार मानसून के समय से पहले केरल में दस्तक देने और उत्तर की तरफ बढ़ने के संकेत मिल रहे हैं। इससे देश के अधिकतर हिस्सों में लोगों को राहत मिलेगी जो पिछले 15 दिनों से भीषण गर्मी झेल रहे हैं।
सामान्य रूप से मानसून 15 मई तक निकोबार में ही पहुंचता है और 22 मई तक अंडमान के उत्तरी इलाके मेयाबुंदर पर छा जाता है।
14 से 16 मई के बीच भारी बारिश
आईएमडी का कहना है कि अगले पांच दिन में अंडमान निकोबार द्वीप समूह में हल्की से मध्यम बारिश होने का अनुमान है। 14 से 16 मई के दौरान कुछ स्थानों पर भारी बारिश होने की संभावना है। 15 और 16 मई को दक्षिण अंडमान सागर में हवा 40 से 60 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चल सकती है।
26 मई को मानसून के केरल पहुंचने की उम्मीद है। सामान्य रूप से केरल में का एक जून को पहुंचता है। साइक्लोन असानी के चलते दो दिन से केरल में बारिश भी हो रही है।
मप्र में 16 मई से प्री-मानसून
बंगाल की खाड़ी में आए असानी साइक्लोन की वजह से 16 मई से मध्यप्रदेश में भी प्री-दस्तक दे सकता है
इस बार भोपाल, इंदौर, नर्मदापुरम और उज्जैन संभागों में ज्यादा मेहरबान रहेगा। जबलपुर और सागर संभाग में यह सामान्य
रहेगा।
वैसे मध्यप्रदेश में मानसून के आने का समय पहले 10 जून था, लेकिन कुछ सालों से इसके देरी से आने
के कारण अब 15 से 16 जून तय किया गया है। अगर कोई अड़चन नहीं आती है, तो ऐसी
स्थिति में मानसून के मध्यप्रदेश में 15 से 16 जून तक आने की संभावना है। भोपाल में यह 20
जून के आसपास पहुंचेगा। जून में तापमान ज्यादा नहीं बढ़ेगा।
70% बारिश दक्षिण पश्चिम मानसून से
मानसून केरल से शुरु होकर धीरे-धीरे पूरे देश में फैल जाता है। इससे देश में कुल बारिश का 70% दक्षिण
पश्चिम से ही होती है। भारत में रबी फसलों का आधा इसी पर निर्भर है।।
सामान्य रहेगा मानसून
देश में 40% किसान सिंचाई के लिए पर निर्भर हैं। खरीफ की फसलें जैसे- चावल, कपास, गन्ना, मसूर, चना
और सरसों का उत्पादन करने वाले किसान इसी पर निर्भर रहते हैं। इससे पहले मौसम विभाग देश में लगातार
चौथे साल के सामान्य रहने के आसार जता चुका है।
More Stories
Sensex Falls Over 1,000 Points Amid Tensions Over Pahalgam Attack
Pahalgam Attack Victims Treated at Dispensary, Hospital 40 km Away
सत्य का शोध करने निकले देश के पहले महात्मा फुले की कहानी, स्कूलों में मुफ्त दिखानी चाहिए फिल्म