गुजरात में चुनाव अभियान को तेज करते हुए कांग्रेस नेता राहुल गांधी मंगलवार को गुजरात पहुंचे। यहां उन्होंने आदिवासी बहुल दाहोद में ‘आदिवासी सत्याग्रह रैली’ को संबोधित करते हुए कहा- मोदी जिस गुजरात मॉडल की बात करते हैं, उसमें दो भारत हैं, एक आम लोगों का, दूसरा अमीर लोगों का। कार्यक्रम के समापन पर ‘कांग्रेस पार्टी रे कांग्रेस पार्टी’ सॉन्ग बजाया गया, जिसकी धुन पर मंच पर राहुल गांधी ने विधायक चंद्रिकाबेन बारिया के साथ डांस किया।
राहुल गांधी : कांग्रेस दो भारत नहीं चाहती
राहुल गांधी ने कहा- ‘यह जनसभा नहीं, सत्याग्रह की शुरुआत है। 2014 में नरेंद्र मोदी पीएम बने। गुजरात में उन्होंने जो काम शुरू किया, वह आज भारत में हो रहा है, जिसे गुजरात मॉडल कहा जाता है। आज दो भारत बन रहे हैं। एक भारत अमीरों का है, जिसमें बड़े अमीर लोग हैं और उनके पास सत्ता धन और अहंकार है। दूसरा भारत, भारत की आम जनता का है।’
उन्होंने आगे कहा- ‘इस मॉडल का पहले गुजरात में परीक्षण किया गया और फिर इसे भारत में लागू किया गया, लेकिन कांग्रेस दो भारत नहीं चाहती। हम एक ऐसा भारत चाहते हैं, जिसमें सभी को समान अधिकार हो, सभी को सारी सुविधाएं मिलें।’
राहुल गांधी : आज दो-तीन लोग जनता को दौड़ा रहे
राहुल गांधी ने कहा- ‘गुजरात पूरी दुनिया में एक ऐसा राज्य है, जहां आंदोलन के लिए भी अनुमति लेनी पड़ती है। मैं जिग्नेश मेवाणी को जानता हूं, इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि आप उसे 10 साल के लिए जेल में डाल दें। हम जनता मॉडल को वापस गुजरात में लाना चाहते हैं, जहां लोगों की आवाज सरकार चलाती है। आज दो-तीन लोग जनता को दौड़ाते हैं, लोग चुपचाप बैठे रहते हैं। आप यह सच्चाई जानते हैं, इसलिए आपको इसके लिए लड़ना होगा। आने वाले चुनाव में कांग्रेस की सरकार होगी तो वह आदिवासियों की आवाज होगी। वहां आदिवासी विधायक होगा और सरकार वही करेगी, जो आदिवासी चाहते हैं।
टीवी पर एक ही चेहरा नजर आता है
कोरोना के मामले को उठाते हुए भी उन्होंने पीएम मोदी पर कटाक्ष करते हुए कहा- ‘पीएम कह रहे थे, ‘थाली
बजाओ, लेकिन लाखों लोगों की मौत हो गई। टीवी पर भी एक ही चेहरा नजर आता है वह नरेंद्र
मोदी का’। इस सरकार ने सरकारी स्कूलों को बंद कर दिया और उनका निजीकरण कर दिया।’
आदिवासी कांग्रेस के पारंपरिक वोट बैंक
गुजरात में राहुल की आदिवासी सत्याग्रह रैली को इसलिए भी महत्वपूर्ण माना जा रहा है, क्योंकि गुजरात में ST-SC और
आदिवासी समाज को मिलाकर करीब 40 सीट पर खासा प्रभाव है। अब तक आदिवासियों को कांग्रेस का पारंपरिक वोट
बैंक माना जाता रहा है।
2017 के विधानसभा चुनाव के बाद बीजेपी ने कांग्रेस को जोरदार झटका देते हुए कांग्रेस के 5 से ज्यादा आदिवासी
विधायकों को बीजेपी में शामिल करा लिया था। हाल ही में कांग्रेस के आदिवासी नेता और विधायक अश्विन कोतवाल
पार्टी छोड़ बीजेपी में शामिल हो गए थे।
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