भारत रूस से सस्ता क्रूड ऑयल खरीदना जारी रखेगा। हालांकि रूस से इस पर कितना डिस्काउंट मिलेगा, यह अभी तय नहीं है। इस मामले की जानकारी रखने वाले एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने यह जानकारी दी।
उन्होंने कहा- भारत अभी कच्चा तेल औसतन 100 डॉलर प्रति बैरल के भाव पर खरीदता है। हालांकि रूस-यूक्रेन युद्ध ने भारत के लिए सस्ते तेल आयात का बड़ा मौका उपलब्ध कराया है। भारत की रूस से क्रूड ऑयल की खरीद पर अमेरिका को दिक्कत है, लेकिन केंद्र सरकार ने इस मामले में नीति नहीं बदली।
पेमेंट मैकेनिज्म पर विचार
पेमेंट को लेकर अधिकारी ने बताया कि अमेरिकी प्रतिबंध को देखते हुए सरकार पेमेंट मैकेनिज्म पर विचार कर रही है। रूपए-रूबल मैकेनिज्म पर भी विचार किया जा रहा है। यूरोप के कुछ देश रूस को रुबल में पेमेंट कर रहे हैं।
क्रूड : भारत ने रूस से तेल खरीद बढ़ाई
भारत अपनी जरूरत का 80% तेल आयात करता है। भारत ने अप्रैल में रूसी तेल आयात को बढ़ाकर लगभग 2 लाख 77 हजार बैरल प्रति दिन कर दिया, जो मार्च में 66 हजार बैरल प्रति दिन था। बीते साल 8 ऐसे देश थे जिनसे भारत ने रूस की तुलना में अधिक तेल खरीदा था, लेकिन इस के अप्रैल तक यह आंकड़ा कहीं ज्यादा हो गया है। खपत के मामले में अमेरिका और चीन
के बाद भारत दुनिया का सबसे बड़ा देश है।
क्रूड सप्लायर रूस हमारा चौथा सबसे बड़ा
रूस से भारत का कच्चा तेल खरीदना बस एक मौकापरस्ती है, क्योंकि यह सामान्य दिनों में भारतीय रिफाइनरों के लिए
एक महंगा सौदा है। क्रूड आयल सप्लाई के लिए परिवहन की दूरियां बेहद लंबी हैं, शिपिंग समय लंबा है
माल ढुलाई महंगी है। इसके साथ-साथ सामान्य दिनों में रूस के पास इतना तेल नहीं होता कि वह इसे
भारत को बेच पाए।
रूस से भारत की तेल खरीद पर अमेरिका को आपत्ति
भारत के रूस से क्रूड ऑयल को लगातार बढ़ने से रोकने के लिए अमेरिका के बाइडेन प्रशासन के अधिकारी मंगलवार
को भारत पहुंचे हैं। ट्रेजरी विभाग के एक प्रवक्ता के मुताबिक अमेरिकी आतंकवादी वित्तपोषण और वित्तीय अपराधों की सहायक
सचिव एलिजाबेथ रोसेनबर्ग गुरुवार को नई दिल्ली और मुंबई का दौरा करेंगी।
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