November 22, 2024

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उमर अब्दुल्ला का केंद्र पर तंज

जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कांफ्रेंस के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने कश्मीर में सुरक्षा स्थिति को लेकर सरकार को घेरा है। उन्होंने बुधवार को कहा कि आर्टिकल 370 और 35ए को हटाए जाने के बाद से जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा स्थिति में कोई सुधार नहीं हुआ है। घाटी में लगातार हत्याएं हो रही हैं।

उन्होंने कहा, ‘घाटी में एक के बाद एक लगातार हत्याएं हो रही हैं। इस हफ्ते, तीन हत्याएं हुईं। अब यह घटनाएं रुक गई हैं। कुछ हफ्तों के बाद, यह घटनाएं फिर से शुरू हो जाती है। फिर यह कुछ दिनों के लिए रुक जाती है।’ आर्टिकल 370 हटाने के बारे में पूछे जाने पर अब्दुल्ला ने कहा कि वह अदालत के सामने अपनी बात रखेंगे। वह कानून को अपने हाथ में नहीं लेंगे। वह दूसरे देश की भाषा बोलने वाले लोग नहीं हैं।

इस दौरान अब्दुल्ला ने लाउडस्पीकर पर प्रतिबंध के मद्देनजर लोगों की भावनाओं का सम्मान करने का

भी आह्वान किया। NC नेता ने कहा कि लाउडस्पीकर से निकलने वाले शोर के मुद्दे को हल करने के

लिए बीच का रास्ता खोजने की जरूरत

उमर ने 370 को संविधान का ‘अस्थाई’ प्रावधान ​​​​​​ बताया

इससे पहले भी उमर अब्दुल्ला कई बार 370 का मुद्दा उठा चुके हैं। हालही में रविवार को उन्होंने 370 को संविधान

का ‘अस्थाई’ प्रावधान बताया है अब्दुल्ला ने कहा कि यह जम्मू-कश्मीर के भारत में विलय का आधार बना

था। उस समय यूएन सिक्योरिटी काउंसिल परिषद में प्रस्ताव ले जाया गया था।

NC नेता ने कहा कि उसके आधार पर 370 को स्थायी दर्जा नहीं दिया गया, लेकिन जब आप कहते हैं

कि जम्मू- कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है, और इसे इससे अलग नहीं किया जा सकता, तो आप उस आधार

नहीं हटा सकते, जिसकी वजह से यह देश का अभिन्न अंग बना है।

SC में 370 को निरस्त करने के लिए याचिकाओं पर सुनवाई

सुप्रीम कोर्ट आर्टिकल 370 को हटाने के खिलाफ दाखिल याचिकाओं पर सुनवाई के लिए तैयार हो गया है। गर्मियों

की छुट्टी के बाद इस पर सुनवाई होगी। चीफ जस्टिस एन.वी. रमण और जस्टिस हिमा कोहली की पीठ ने याचिकाओं

पर सुनवाई के लिए पांच जजों की पीठ के पुनर्गठन पर सहमति जताई है। बता दें कि आर्टिकल 370 हटाए

जाने के खिलाफ कोर्ट में करीब दो दर्जन याचिकाएं दर्ज हुई हैं।