14 अप्रैल को एंटीगुआ और बारबुडा उच्च न्यायालय ने हीरा व्यापारी मेहुल चोकसी के पक्ष में फैसला सुनाया, जिससे उन्हें भारत में बड़े पैमाने पर धोखाधड़ी के मामले में बड़ी राहत मिली। उच्च न्यायालय ने फैसला सुनाया कि चोकसी को देश से बाहर नहीं ले जाया जा सकता है, और वह एक उड़ान जोखिम नहीं है। यह चोकसी के लिए एक बड़ी जीत है, जो भारत में अभियोजन से बचने के लिए आक्रामक रूप से लड़ रहा है।
मेहुल चोकसी का दावा
मेहुल चोकसी ने कोर्ट में दावा किया है कि उसके खिलाफ मुकदमे दर्ज किए गए थे और अटॉर्नी जनरल और पुलिस प्रमुख (एंटीगुआ) ने अपनी तरफ से पूरी जांच भी कर ली थी। डोमिनिका के नेचर आइल न्यूज के मुतबिक, कोर्ट ने कहा कि चोकसी अपनी जगह सही हैं और उनके साथ अमानवीय या अपमानजनक व्यवहार हो सकता है।
मेहुल चोकसी ने 23 मई, 2021 को एंटीगुआ और बारबुडा से उसके जबरन अपहरण को लेकर भी जांच की मांग की है। मामले की सुनवाई के बाद हाई कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि कोर्ट के आदेश के बिना मेहुल चोकसी को देश से बाहर नहीं ले जाया जा सकता है। कोर्ट ने डोमिनिकन पुलिस को आदेश देते हुए कहा कि इस बात की भी पुष्टि की जाए की क्या चोकसी को उसकी इच्छा के खिलाफ जबरन डोमिनिका ले जाया गया था।
PNB धोखाधड़ी
गौरतलब है कि मेहुल चोकसी ने पंजाब नेशनल बैंक में 13,000 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी कर देश से फरार हो गया था। सीबीआई ने अपनी तरफ से पहले ही साफ कर दिया है कि वह आपराधिक न्याय की प्रक्रिया का सामना करने के लिए भगोड़ों और अपराधियों को भारत वापस लाने के लिए प्रतिबद्ध है। वांछित अपराधियों और आर्थिक अपराधियों की पहचान और वापसी के लिए विदेशी कानून प्रवर्तन एजेंसियों के साथ निकट समन्वय में कई व्यवस्थित कदम उठाए गए हैं। पिछले 15 महीनों में 30 से अधिक वांछित अपराधी भारत लौट आए हैं।
सीबीआई ने मेहुल चोकसी और अन्य के खिलाफ 15 फरवरी, 2018 को पंजाब नेशनल बैंक से धोखाधड़ी करने का मामला दर्ज किया था। इसके बाद 2022 में सीबीआई ने बैंकों और वित्तीय संस्थानों को धोखा देने के लिए मेहुल चोकसी और अन्य के खिलाफ पांच और आपराधिक मामले दर्ज किए थे।
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