September 20, 2024

News , Article

दहशत के बावजूद घाटी नहीं छोड़ना चाहते कश्मीरी पंडित

घाटी में रह रहे कश्मीर पंडितों की हत्या ने यहां समुदाय के अन्य लोगों में खौफ हो गया है। सबसे खतरनाक स्थिति में वे पंडित हैं, जिन्होंने 1990 के दशक में खतरनाक स्थिति का सामना किया और कभी घाटी नहीं छोड़ी। कश्मीरी पंडित संघर्ष समिति के मुताबिक घाटी में करीब 800 पंडित परिवार ऐसे हैं, जिन्होंने कभी कश्मीर नहीं छोड़ा। ये परिवार तीन दशक से आतंकवाद के बीच बिना दहशत के यही रहे।

कुमार वांचू भी ऐसे ही पंडित हैं, जो तीन दशक से श्रीनगर के जवाहरनगर में रहते हैं। इस इलाके में कभी कश्मीरी पंडितों बड़ी आबादी थी, लेकिन 90 के दशक में वांचू सहित कुछ परिवारों को छोड़कर बाकी ने घाटी छोड़ दी।

कश्मीर में रहने और काम जारी रखने का दृढ़ संकल्प ऐसा था कि पिता हृदयनाथ वांचू की हत्या के बावजूद कुमार ने कश्मीर नहीं छोड़ा। आज के हालात से दुखी कुमार कहते हैं- कुछ लोग कश्मीर को अच्छा बनते नहीं देख सकते। हिंसा बंद होने से उन्हें नुकसान होगा, उनकी कमाई बंद हो जाएगी। यह सियासी खेल है। कुमार ने कहा- मुस्लिम पड़ोसी हमारी ताकत हैं। वे कहेंगे, तभी हम यहां से जाएंगे।