भारत ने सोमवार को अपनी अग्नि-5 मिसाइल का टेस्ट ओडिशा के समुद्र तट से किया, जिस पर चीन का रहस्यमय जहाज नजर रखा गया था। 7 मार्च को भारत ने टेस्ट के लिए अलर्ट जारी किया था। इसके पहले ही बीजिंग ने एक अज्ञात रिसर्च जहाज को भारतीय तट से कुछ दूरी पर अंतरराष्ट्रीय समुद्री सीमा में तैनात कर दिया था।
Also READ: Haitian PM Ariel Henry resigns after Jamaica talks
सूचना के अनुसार, चीन ने अपने इस जहाज को भारत में मिसाइल टेस्टिंग की नजर में रखने के लिए निर्दिष्ट किया है। इसके अलावा, मालदीव में पहले से ही एक और चीनी जहाज सक्रिय है, जिसका नाम ‘जियांग यांग होंग-01’ है, जो 23 फरवरी को चीनी तट से रवाना हुआ था। इस जहाज का प्रमुख कारगर्म तात्कालिक समुद्री गतिविधियों का मॉनिटरिंग और नजरबंदी करना हो सकता है, जिससे राष्ट्रीय सुरक्षा में सहायक हो सकता है।
29 हजार 401 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार वाली एक मिसाइल ने दुनिया को आश्चर्यचकित कर दिया है। इस मल्टिपल इंडिपेंडेंटली टार्गेटेबल री-एंट्री व्हीकल (MIRV) ने एक साथ कई टारगेट्स पर लॉन्च किए जा सकते हैं और इसकी रेंज 5 हजार किलोमीटर है, जिससे पूरा चीन और आधा यूरोप आते हैं।
Also READ: New Portal Launched for Citizenship Applications Under CAA by Centre
चीनी जहाज ने पहले भी भारत की मिसाइल टेस्टिंग की जासूसी के लिए आया था
चीन ने भारत में मिसाइल टेस्टिंग के पहले ही बार अपने जासूसी जहाज को हिंद महासागर के क्षेत्र में तैनात किया है, और इसे बार-बार किया गया है। साल 2022 में, भारत ने एक NOTAM जारी किया, जिसके बाद चीन ने युआन वांग-06 रिसर्च वेसल को भेजा। हालांकि, बाद में भारत ने अपने टेस्टिंग को कैंसिल कर दिया।
Also READ: 14 महीने के रिहैब के बाद ऋषभ पंत आईपीएल के लिए फिट
दिसंबर 2022 में, भारत ने फिर से अग्नि-5 मिसाइल की टेस्टिंग के लिए NOTAM जारी किया। इस बार चीन ने युआन वांग-05 रिसर्च वेसल को हिंद महासागर क्षेत्र में भेजा। कुछ चीनी विशेषज्ञों का मानना है कि भारत की अग्नि-5 मिसाइल की रेंज 5 हजार किमी से अधिक है।
Also READ: डीडीए पार्क में तीन दिनों से लापता 22 साल के युवक की लाश मिली
साल 2012 में चीनी मिलिट्री साइंटिस्ट्स ने बताया था कि अग्नि-5 की रेंज 8 हजार किमी तक हो सकती है। चीन के जासूसी जहाजों में शक्तिशाली मिलिट्री सर्विलांस सिस्टम होता है, और इन्हें रिसर्च के लिए का दावा किया जाता है। इन जहाजों के माध्यम से चीन विभिन्न देशों के समुद्री तटों और बंदरगाहों की जानकारी जुटा सकता है। ये जहाज बीजिंग के लैंड बेस्ड ट्रैकिंग स्टेशनों को पूरी जानकारी प्रदान करते हैं और चीनी लाइबरेशन आर्मी की स्ट्रैटेजिक सपोर्ट फोर्स द्वारा ऑपरेट किए जाते हैं।
More Stories
Flights and trains disrupted as dense smog blankets Delhi, reducing visibility
Amit Shah To Hold Another High-Level Meeting; BJP MLAs To Meet Manipur CM Amid Unrest
कर्नाटक: रिजॉर्ट के स्विमिंग पूल में डूब रही सहेली को बचाने कूदीं दो महिलाएं, तीनों की हुई मौत