INS विक्रांत के नेवी को मिलने के बाद अब भारत के तीसरे एयरक्राफ्ट कैरियर INS विशाल की चर्चा शुरू हो गई है। 2 सितंबर को देश में बना युद्धपोत INS विक्रांत नेवी में शामिल हो गया है, लेकिन हिंद महासागर में चीन की नेवी के बढ़ते दखल से निपटने के लिए देश के लिए तीसरे एयरक्राफ्ट की भी जरूरत बहुत बढ़ गई है।
क्या है INS विशाल?
INS विशाल भारत का तीसरा एयरक्राफ्ट कैरियर होगा। विशाल शब्द का संस्कृत में मतलब भव्य होता है। ये INS विक्रांत के बाद भारत में बना दूसरा एयरक्राफ्ट कैरियर होगा। विक्रांत की तरह विशाल को भी इंडियन नेवी के कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड में बनाने की योजना है।
INS विशाल के 65 हजार टन वजनी होने की उम्मीद है, यानी ये भारत का सबसे बड़ा एयरक्राफ्ट कैरियर होगा। INS विक्रमादित्य और विक्रांत का वजन 45 हजार टन के आसपास है। INS विशाल पर 55 फाइटर प्लेन तैनात होने की उम्मीद है। INS विक्रमादित्य पर करीब 35 और विक्रांत पर 30 फाइटर प्लेन तैनात हो सकते हैं।
अभी भारत के पास दो एयरक्राफ्ट कैरियर-INS विक्रमादित्य और INS विक्रांत हैं। 2 सितंबर को नेवी में शामिल INS विक्रांत देश में बना पहला और सबसे बड़ा एयरक्राफ्ट कैरियर है।
विक्रांत से पहले भारत के पास INS विक्रमादित्य के रूप में एकमात्र एयरक्राफ्ट कैरियर था। विक्रमादित्य को रूसी प्लेटफॉर्म पर तैयार किया गया था।
भारत को क्यों है INS विशाल की जरूरत?
भारत को समुद्रों की सुरक्षा के लिए एयरक्राफ्ट कैरियर्स की सबसे ज्यादा जरूरत है। हाल के वर्षों में भारत के आसपास के समुद्री इलाकों, खासतौर पर हिंद महासागर में चीन की पहुंच बढ़ी है। ऐसे में भारत के लिए एयरक्राफ्ट कैरियर्स अहम हो जाते हैं।
अब तक चीन के पास लिओनिंग और शेडोंग नाम से दो एयरक्राफ्ट कैरियर थे और इस साल जून में उसने अपना तीसरा एयरक्राफ्ट कैरियर फुजियान भी लॉन्च किया है। ये चीन में निर्मित और CATOBER टेक्निक से लैस चीन का पहला वॉरशिप है।
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