जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में लगातार बर्फबारी जारी है। हिमाचल में 340 सड़कों पर यातायात ठप हो गया है। छितकुल में ढाई फीट से अधिक बर्फ गिरने के कारण कई पर्यटक फंस गए हैं।
कश्मीर में बर्फबारी के कारण श्रीनगर-लेह रोड बंद हो गई है और कश्मीर यूनिवर्सिटी के परीक्षा रद्द कर दी गई हैं। लगभग 1800 वाहन फंसे हुए हैं।
गांदरबल, सोनमर्ग, पहलगाम, गुंड, बारामूला सहित कई स्थानों पर तापमान माइनस 10 से लेकर माइनस 22 डिग्री सेल्सियस तक गिर गया है।
यहां एक फीट तक बर्फबारी हुई, जिसके कारण लगभग 2 हजार पर्यटक विभिन्न स्थानों पर फंस गए। स्थानीय कश्मीरियों ने अपने घरों और मस्जिदों के दरवाजे खोलकर उन्हें ठहरने की जगह दी, साथ ही कंबल, रजाई और गर्म खाने-पीने का सामान भी प्रदान किया।
उत्तराखंड के चमोली जिले में अगले 24 घंटों में 3 हजार मीटर से ज्यादा की ऊंचाई पर एवलांच (बर्फ ढहना) का ऑरेंज अलर्ट है। बद्रीनाथ नेशनल हाईवे पांडुकेश्वर-बद्रीनाथ के बीच बर्फबारी के कारण बंद है।
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हिमाचल के 5 जिलों में 10cm से ज्यादा बर्फबारी
हिमाचल के कल्पा में 14.9, कुफरी में 14.5, पूह में 12, मुरंग में 12, खदराला में 10, सांगला में 8.5, केलंग में 8 और कुकमसेरी में 1.6 सेंटीमीटर ताजा बर्फबारी दर्ज की गई है।
इसके कारण न्यूनतम तापमान सामान्य से 1 से 5 डिग्री सेल्सियस तक कम रिकाॅर्ड हुआ है।
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पर्यटकों ने कहा- मस्जिद में जगह मिली, यह हमेशा याद रहेगा
कश्मीर के दूधपखरी में फंसे 9 पर्यटकों में से एक राजेश राजपूत ने भास्कर को बताया कि बर्फबारी के कारण हम 4 घंटे फंसे रहे। रास्ता पूरी तरह से बर्फ से ढका हुआ था और गाड़ी चलाना मुमकिन नहीं था।
जब शाम हो गई और तापमान गिरने लगा, तब अनीस अहमद और उनके परिवार ने हमें मदद की और साथ लेकर गए। उनके द्वारा दिखाया गया दयालु व्यवहार हमें हमेशा याद रहेगा।
कश्मीर के गुंड गांवों में करीब 1 हजार पर्यटक विभिन्न स्थानीय घरों में दो दिन से ठहरे हुए हैं। यहां की जामिया मस्जिद भी पर्यटकों के लिए खोल दी गई है।
अपने परिवार के साथ रुकीं कविता मोइत्री ने बताया कि वे सोनमर्ग से लौट रहे थे, तभी बर्फबारी में फंस गए। स्थानीय लोगों ने उन्हें मस्जिद में ठहरने की जगह दी और फिर गरमागरम तेहरी खिलाई। यह अनुभव उनके लिए यादगार था।
गुंड के निवासी शेख अनीस ने बताया कि शुक्रवार दोपहर बर्फबारी शुरू हो गई, जिससे सोनमर्ग से लौट रहे लोग फंस गए। 10 स्थानीय परिवार मदद के लिए सामने आए और हम पर्यटकों तक पहुंचे। उन्हें गाड़ियों से बाहर निकाला और अपने घरों में ठहराया।
शनिवार शाम को उन्हें श्रीनगर के लिए रवाना किया गया। वर्तमान में, गुंड के 15-16 घरों में अभी भी पर्यटक रुके हुए हैं।
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