श्रीलंका के बुजुर्ग नेता दिनेश गुणवर्धने को नया प्रधानमंत्री नियुक्त किया गया है। इससे पहले बुधवार को रानिल विक्रमसिंघे को नया राष्ट्रपति चुना गया था।
विक्रमसिंघे व गुणवर्धने की जोड़ी पर अब श्रीलंका को अभूतपूर्व आर्थिक संकट से उबारने का भार है। पूर्व राष्ट्रपति गोतबाया राजपक्षे व उनके सहयोगी देश छोड़कर जा चुके हैं।
श्रीलंका के नए राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे के सहपाठी और पूर्व पब्लिक ऐडमिनिस्ट्रेशन मिनिस्टर दिनेश गुणवर्धने अब प्रधानमंत्री बनाए जाएंगे। रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक जल्द ही राष्ट्रपति विक्रमसिंघे उन्हें प्रधानमंत्री पद की शपथ दिला सकते हैं। शुक्रवार को विक्रमसिंघे नए मंत्रिमंडल का भी ऐलान कर सकते हैं। बता दें कि श्रीलंका में विरोध प्रदर्शन के बाद पूर्व राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे देश छोड़कर भाग गए। इसके बाद संसद में हुए चुनाव में विक्रमसिंघे को सबसे ज्यादा वोट मिले और वह राष्ट्रपति चुने गए।
गोटाबाया राजपक्षे ने महिंदा राजपक्षे के इस्तीफे के बाद विक्रमसिंघे के प्रधानमंत्री बनाया था। गोटाबाया के पलायन के बाद स्पीकर ने उन्हें कुछ दिनों के लिए कार्यवाहक राष्ट्रपति बनाया। श्रीलंका में विपक्ष के नेता साजिथ प्रेमदासा ने कई बार भारत से मदद की गुहार लगाई है। उन्होंने कहा कि वह राष्ट्रपति विक्रमसिंघे से भी मिले और इस बात पर चर्चा की कि देश को इस संकट से कैसे निजात दिलाई जाए। उन्होंने ट्वीट कर कहा, लोगों को संकट से निकालने के लिए मानवता का ध्यान रखते हुए हम सरकार को अपना समर्थन देंगे।
बता दें कि श्रीलंका आर्थिक बदहाली से जूझ रहा है। विदेशी मुद्रा भंडार खत्म होने की वजह से श्रीलंका के लिए आयात मुश्किल हो गया है। ऐसे में जनता को खाद्यान्न से लेकर पेट्रोल डीजल तक की कमी से जूझना पड़ रहा है। इसी वजह से नाराज जनता ने गोटाबाया राजपक्षे को भागने पर मजबूर कर दिया।
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