November 23, 2024

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Atal Bihari Vajpayee: अटल बिहारी वाजपेयी की चौथी पुण्यतिथि पर देश कर रहा नमन, राष्ट्रपति और पीएम मोदी ने दी श्रद्धांजलि

Atal Bihari Vajpayee: गौरतलब है कि अटल बिहारी वाजपेयी का निधन 16 अगस्त, 2018 को हुआ था। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को कामयाबी के शिखर पर ले जाने में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका थी।

Atal Bihari Vajpayee:

 देश के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई की चौथी पुण्यतिथि पर पूरा देश उन्हें नमन कर रहा है। देश के राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, उपराष्ट्रपति जगदीप धनकड़, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने राजघाट स्थित उनके स्मृति स्थल ‘सदैव अटल‘ पर जाकर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। 

गौरतलब है कि अटल बिहारी वाजपेयी का निधन 16 अगस्त, 2018 को हुआ था। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को कामयाबी के शिखर पर ले जाने में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका थी। नब्बे के दशक में वह पार्टी का मुख्य चेहरा बनकर उभरे और केंद्र में पहली बार भाजपा के नेतृत्व में सरकार बनी। प्रधानमंत्री के तौर पर वाजपेयी के कार्यकाल के दौरान देश में उदारीकरण को बढ़ावा मिला और बुनियादी ढांचे तथा विकास को गति मिली।

पहला चुनाव वर्ष 1957 में जीते:

अटल बिहारी वाजपेयी जनसंघ के संस्थापकों में से एक थे। वह 1968 से 1973 तक जनसंघ राष्ट्रीय अध्यक्ष भी रहे। 1952 में वो पहली बार लोकसभा चुनाव लड़े, लेकिन हार गए। इसके बाद 1957 में यूपी के बलरामपुर सीट से जनसंघ प्रत्याशी के रूप में उन्होंने विजयी हासिल की। इमरजेंसी के बाद आई मोरारजी देसाई की सरकार में 1977 से 1979 तक वे विदेश मंत्री रहे। वर्ष 1980 में जनता पार्टी से अलग होकर उन्होंने भाटिया जनता पार्टी की स्थापना में मदद की और  बाद 6 अप्रैल 1980 को बनी भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष भी बने। जिसके बाद वह दो बार राज्यसभा के लिए भी चुने गए।

कब-कब बने देश के प्रधानमंत्री ?

वर्ष 1996 में पहली बार अटल बिहारी देश के प्रधानमंत्री बने लेकिन बहुमत न होने के चलते उनकी सरकार मात्र 13 दिनों के बाद गिर गई। जिसके बाद वर्ष 1998 में वे दोबारा पीएम बने, लेकिन, 13 महीने बाद 1999 की शुरुआत में उनके नेतृत्व वाली सरकार दोबारा गिर गई। चुनाव हुए और 1999 में ही उनके नेतृत्व में 13 दलों की गठबंधन सरकार बनी, जिसने सफलतापूर्वक पांच साल का कार्यकाल पूरा किया, जो अपना कार्यकाल पूरा करने वाली पहली गैर कांग्रेसी सरकार थी।