November 14, 2024

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तुलसी गबार्ड को ट्रंप ने सौंपी अमेरिकी खुफिया विभाग की जिम्मेदारी

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हाल ही में एक ऐतिहासिक निर्णय लेते हुए अमेरिका की पहली हिंदू सांसद तुलसी गबार्ड को राष्ट्रीय खुफिया विभाग का निदेशक नियुक्त किया है। तुलसी गबार्ड, जो हवाई राज्य से सांसद रह चुकी हैं, अब अमेरिकी खुफिया तंत्र का नेतृत्व करेंगी। ट्रंप ने गबार्ड की इस नई जिम्मेदारी की घोषणा करते हुए उन्हें “गर्वित रिपब्लिकन” का दर्जा दिया और उनके निडर स्वभाव की सराहना की। उन्होंने विश्वास जताया कि गबार्ड अपने इस साहसी और स्वतंत्र व्यक्तित्व के साथ खुफिया विभाग में भी एक नया जोश लेकर आएंगी। तुलसी, पहले डेमोक्रेटिक पार्टी का हिस्सा थीं, लेकिन बाद में रिपब्लिकन पार्टी से जुड़ीं। उनके डेमोक्रेटिक पृष्ठभूमि के चलते उन्हें दोनों पार्टियों में समर्थन मिलता है, जो उनके इस नई भूमिका में सहायक होगा। ट्रंप ने उम्मीद जताई कि तुलसी इस जिम्मेदारी को बखूबी निभाएंगी और खुफिया विभाग में अपने अनुभव से महत्वपूर्ण योगदान देंगी।

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अमेरिकी सेना में दो दशकों तक निभाई सेवाएं

तुलसी गबार्ड का करियर केवल राजनीति तक सीमित नहीं है; उन्होंने अपने जीवन के करीब 20 साल अमेरिकी सेना की शाखा नेशनल गार्ड में सेवा करते हुए बिताए हैं। तुलसी का सैन्य करियर बेहद सम्मानजनक रहा है, जिसमें उन्होंने इराक और कुवैत जैसे चुनौतीपूर्ण क्षेत्रों में तैनात रहकर कर्तव्य निभाया है। भले ही तुलसी का खुफिया विभाग में कोई सीधा अनुभव नहीं है, लेकिन उनकी सैन्य सेवा और अनुभव उन्हें इस नई भूमिका के लिए खास बनाते हैं। इसके अलावा, तुलसी ने होमलैंड सिक्योरिटी समिति में भी अपनी सेवाएं दी हैं, जहाँ उन्होंने राष्ट्रीय सुरक्षा से संबंधित मामलों पर सक्रिय भूमिका निभाई। वर्ष 2013 से 2021 तक वे हवाई राज्य की प्रतिनिधि के रूप में कांग्रेस में कार्यरत रहीं और कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर अपनी आवाज बुलंद की।

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हिंदू धर्म में आस्था और भारतीय संस्कृति से जुड़ाव

तुलसी गबार्ड का भारत से भले ही सीधा नाता न हो, लेकिन उनका हिंदू धर्म में आस्था का गहरा संबंध है। उनकी मां ने हिंदू धर्म अपनाया था, जिसके चलते तुलसी भी इस धर्म के प्रति विशेष आस्था रखती हैं। उनके परिवार ने बच्चों के नाम भी हिंदू परंपरा से जुड़े हुए रखे हैं। तुलसी ने अपनी धार्मिक आस्था को हमेशा अपने जीवन का अभिन्न हिस्सा माना है, और इसी आस्था का सम्मान करते हुए उन्होंने कांग्रेस में शपथ ग्रहण के दौरान भगवद गीता पर हाथ रखकर शपथ ली थी। वर्ष 2020 में तुलसी गबार्ड ने डेमोक्रेटिक पार्टी की ओर से राष्ट्रपति पद की दावेदारी पेश की थी। हालांकि, पार्टी में उन्हें पर्याप्त समर्थन न मिलने के कारण उन्हें अपनी दावेदारी वापस लेनी पड़ी, लेकिन उन्होंने अपने प्रयासों से महत्वपूर्ण पहचान बनाई।

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कमला हैरिस के खिलाफ बहस में ट्रंप की तैयारी में निभाई अहम भूमिका

डोनाल्ड ट्रंप और कमला हैरिस के बीच राष्ट्रपति पद की बहस के दौरान तुलसी गबार्ड का योगदान विशेष रहा। 2020 में, जब तुलसी गबार्ड ने डेमोक्रेटिक पार्टी की ओर से राष्ट्रपति पद की दावेदारी पेश की थी, तब कमला हैरिस भी उन्हीं की पार्टी से उम्मीदवार थीं। इस दौरान तुलसी और कमला के बीच हुई बहस में तुलसी ने अपने ठोस तर्कों और निडरता से कमला हैरिस को कड़ी चुनौती दी थी। तुलसी ने अपने विचारों और तथ्यों से कमला के तर्कों का प्रभावी जवाब देकर सभी का ध्यान आकर्षित किया था। इसी अनुभव को ध्यान में रखते हुए, ट्रंप ने तुलसी की सहायता ली ताकि वह कमला हैरिस के खिलाफ अपनी बहस की तैयारी कर सकें।

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