भीषण गर्मी के बीच मुस्लिम यात्री शुक्रवार को मक्का के तंबुओं के विशाल शिविर में एकत्र हुए, जिससे वार्षिक हज यात्रा की आधिकारिक शुरुआत हुई. अपनी यात्रा की शुरुआत में उन्होंने इस्लाम के पवित्र स्थल काबा की परिक्रमा की. दुनियाभर से 15 लाख से अधिक यात्री मक्का और उसके आसपास जमा हो चुके हैं, जिसमें सऊदी अरब से भी हज यात्रियों के शामिल होने से यह संख्या और बढ़ रही है. सऊदी अधिकारियों को उम्मीद है कि इस वर्ष यात्रियों की संख्या 20 लाख से अधिक हो जाएगी.
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गाजा युद्ध की पृष्ठभूमि में फलस्तीनी हज यात्री
इस साल का हज, इजराइल और फलस्तीनी उग्रवादियों के बीच गाजा पट्टी में चल रहे युद्ध की पृष्ठभूमि में हो रहा है, जिसने पूरे पश्चिम एशिया को क्षेत्रीय युद्ध की कगार पर धकेल दिया है. इस संघर्ष के कारण गाजा के तटीय क्षेत्र में रहने वाले फलस्तीनी हज के लिए मक्का नहीं जा सके, क्योंकि इजराइल ने रफह क्रॉसिंग को बंद कर दिया था. हालांकि, कब्जे वाले पश्चिमी तट से 4200 यात्री मक्का पहुंचे हैं. सऊदी अरब के शाह सलमान के निमंत्रण पर गाजा युद्ध में मारे गए या घायल हुए फलस्तीनियों के परिवारों से एक हजार से अधिक लोग भी हज यात्रा पर पहुंचे.
सीरियाई हज यात्री भी इस वर्ष पहली बार एक दशक से अधिक समय में दमिश्क से सीधी उड़ानों के जरिए मक्का की यात्रा कर रहे हैं, जो सऊदी अरब और संघर्ष-ग्रस्त सीरिया के बीच संबंधों में सुधार का संकेत है. कोरोना वायरस महामारी के कारण तीन साल तक भारी प्रतिबंधों के बाद वार्षिक यात्रा फिर से अपने सामान्य विशाल पैमाने पर लौट आई है. पिछले वर्ष 18 लाख से अधिक तीर्थ यात्रियों ने हज किया, जो 2019 के 24 लाख तीर्थ यात्रियों के स्तर के करीब था.
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