February 11, 2025

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भारत का IMEC प्लान: चीन को कड़ी टक्कर देने की रणनीति

IMEC यानी भारत-मध्य पूर्व-यूरोप आर्थिक गलियारा है। यह 4,500 किलोमीटर लंबा व्यापार मार्ग भारत, संयुक्त अरब अमीरात, सऊदी अरब, इज़रायल और यूरोप को जोड़ता है। पारंपरिक समुद्री मार्गों की तुलना में यह ट्रांजिट समय में काफी कमी लाएगा।

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पीएम मोदी के अमेरिका दौरे में IMEC रहेगा अहम मुद्दा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 12 और 13 फरवरी को अमेरिका दौरे पर जाएंगे। यह राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के दूसरे कार्यकाल की शुरुआत के बाद पीएम मोदी का पहला अमेरिका दौरा होगा। इस दौरान दोनों नेताओं के बीच रक्षा सहयोग। व्यापारिक संबंध और चीन के बढ़ते आर्थिक व सैन्य प्रभाव पर चर्चा होगी।

भारत-मध्य पूर्व-यूरोप आर्थिक गलियारा (IMEC) इस बातचीत का अहम हिस्सा रहेगा। यह एक बहुराष्ट्रीय बुनियादी ढांचा परियोजना है। जिसका उद्देश्य चीन के बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव का विकल्प तैयार करना है। इस महत्वाकांक्षी योजना में अदाणी ग्रुप की महत्वपूर्ण भूमिका है। कंपनी ने पोर्ट, पावर प्लांट्स, डिफेंस और इंफ्रास्ट्रक्चर सेक्टर में तेजी से विस्तार किया है।

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चीन की ‘बेल्ट और रोड इनिशिएटिव’ का जवाब 

भारत-मध्य पूर्व-यूरोप आर्थिक गलियारा (IMEC) एक महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचा परियोजना है। जो भारत को मध्य पूर्व के जरिए यूरोप से जोड़ने के लिए बनाई गई है। इसे एक पारदर्शी और बाजार-संचालित पहल के रूप में देखा जाता है। जिससे इसमें शामिल देश अपने बुनियादी ढांचे पर नियंत्रण बनाए रख सकें।

चीन और ईरान के बीच 400 अरब डॉलर की रणनीतिक साझेदारी से वैश्विक शक्तियों की चिंताएं बढ़ गई हैं। इस साझेदारी में ऊर्जा। व्यापार और सैन्य सहयोग जैसे प्रमुख क्षेत्र शामिल हैं। जिससे चीन मध्य पूर्व में अपनी पकड़ मजबूत करने की कोशिश कर रहा है। चीन की इस पहल के बाद भारत ने अपने व्यापार मार्गों और वैकल्पिक आपूर्ति श्रृंखला को विकसित करने की गति तेज कर दी है। IMEC इसमें अहम भूमिका निभा रहा है।

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IMEC: भारत के व्यापारिक कनेक्टिविटी और रणनीतिक निवेश की बड़ी पहल

IMEC भारत-मध्य पूर्व-यूरोप आर्थिक गलियारा है, जो भारत, यूएई, सऊदी अरब, इज़रायल और यूरोप को जोड़ता है। यह पारंपरिक समुद्री मार्गों की तुलना में ट्रांजिट समय कम करेगा।

अदाणी ग्रुप का निवेश भारत की विदेश नीति से जुड़ा है और यह चीन को चुनौती देता है। ग्रुप ने इज़रायल के हाइफ़ा पोर्ट में 70% हिस्सेदारी लेकर IMEC को मजबूत किया है। जिससे भारत-इज़रायल संबंध और व्यापारिक स्थिति बेहतर हुई है।