November 22, 2024

News , Article

afganistan-pakistan border issue

अफ़ग़ानिस्तान में सैन्य कार्रवाई के मूड में पाकिस्तान, क्या होगा इसका असर

पाकिस्तान सरकार की ओर से हाल ही में सीमा पार अफ़ग़ानिस्तान के अंदर कार्रवाई के संकेत दिए जाने के बाद एक ओर जहाँ अफ़ग़ानिस्तान की तालिबान सरकार ने इसे नासमझी भरा क़दम बताया है, वहीं सरकार को पाकिस्तान के अंदर भी विरोध का सामना करना पड़ रहा है.

Also Read: महाराष्ट्र में विधान परिषद के चुनाव के लिए बीजेपी के पांच उम्मीदवार, पंकजा मुंडे भी शामिल

पाकिस्तान का रुख़ यह है कि चरमपंथ की लहर में इज़ाफ़े की वजह प्रतिबंधित संगठन तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) की ओर से अफ़ग़ानिस्तान की धरती का इस्तेमाल है, जिसे रोकने में ‘अफ़ग़ान सरकार नाकाम रही है’ और सीमा पार से चरमपंथी सुरक्षा बलों, चीनी और पाकिस्तानी नागरिकों के ख़िलाफ़ हमले करते हैं.

Also Read: हिन्दू-मुस्लिम हिंसा से मिले ज़ख्मों से जूझता ब्रिटेन का शहर लेस्टर

आतंकवादी समूहों और सीमा पर तनाव

पाकिस्तानी प्रशासन के अनुसार, उन्होंने बार-बार अफ़ग़ानिस्तान को उन समूहों के बारे में बताया और सबूत दिए मगर तालिबान सरकार पाकिस्तान की आशंकाएं दूर न कर सकी और यह समूह ज़्यादा आज़ादी से अफ़ग़ानिस्तान से पाकिस्तान के ख़िलाफ़ हमले की योजना बना रहे हैं.

Also Read: कुवैत में 34 साल पहले 367 यात्रियों को बनाया गया था बंधक

इस साल मार्च में अफ़ग़ान तालिबान ने कहा था कि पाकिस्तान के जहाज़ों ने अफ़ग़ानिस्तान की सीमा में पकतीका और ख़ोस्त के इलाक़ों में बमबारी की जिसके बाद पाकिस्तान विदेश मंत्रालय ने बताया कि इस ऑपरेशन में हाफ़िज़ गुल बहादुर ग्रुप से संबंध रखने वाले आतंकवादी निशाने पर थे.

ऐसे में सवाल पैदा होता है कि आख़िर क्या वजह है कि पाकिस्तान की सरकार ने अफ़ग़ानिस्तान में सैनिक कार्रवाई का संकेत दिया? बीबीसी उर्दू ने विशेषज्ञों से बात करके यह जानने की कोशिश की है कि पाकिस्तान की ओर से यह रणनीति क्यों अपनाई गई और इसके क्या प्रभाव हो सकते हैं.