हैदराबाद स्थित मौलाना आज़ाद नेशनल उर्दू यूनिवर्सिटी (MANUU) ने तुर्की के एक संस्थान के साथ अपना समझौता ज्ञापन (MoU) रद्द कर दिया है। इस कदम के साथ ही MANUU ने भी जेएनयू (JNU) और जामिया मिल्लिया इस्लामिया (Jamia Millia Islamia) की राह अपनाई है, जिन्होंने हाल ही में इसी तुर्की संस्थान से अपने-अपने MoU रद्द किए थे।
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विश्वविद्यालय प्रशासन ने पुष्टि की कि उन्होंने यह निर्णय हालिया कूटनीतिक परिस्थितियों और राष्ट्रीय हितों को ध्यान में रखते हुए लिया है। विश्वविद्यालय के प्रवक्ता ने बताया कि MoU रद्द करने का निर्णय एक सावधानी भरा और संस्थान की स्वतंत्रता और देश की प्राथमिकताओं के अनुरूप कदम है।
तुर्की से शैक्षणिक संबंधों पर पुनर्विचार
MANUU और तुर्की संस्थान के बीच यह MoU शैक्षणिक आदान-प्रदान, शोध सहयोग और सांस्कृतिक कार्यक्रमों को लेकर हुआ था। लेकिन तुर्की सरकार के कुछ बयानों और नीतियों को लेकर भारत में हालिया असंतोष के चलते इन संबंधों पर पुनर्विचार शुरू हुआ।
विश्वविद्यालय प्रशासन ने स्पष्ट किया कि भारत की विदेश नीति और सुरक्षा हितों को प्राथमिकता देते हुए उन्होंने MoU को रद्द किया है। इससे पहले, जेएनयू और जामिया ने भी इसी तुर्की संस्थान से अपने सहयोग समझौते समाप्त कर दिए थे।
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शिक्षा मंत्रालय के सूत्रों ने बताया कि केंद्र सरकार ने सभी केंद्रीय विश्वविद्यालयों को सलाह दी थी कि वे ऐसे किसी विदेशी संस्थान के साथ सहयोग पर पुनर्विचार करें, जिनकी विचारधारा या नीतियां भारत के हितों से मेल नहीं खातीं।
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