ईरान की राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद ने सोमवार को हिजाब और शुद्धता कानून पर रोक लगाने का निर्णय लिया। यह कानून पिछले शुक्रवार से लागू होने वाला था, लेकिन घरेलू और अंतरराष्ट्रीय विरोध को देखते हुए यह कदम उठाया गया।
ईरान के राष्ट्रपति मसूद पजशकियान ने कहा कि यह कानून अस्पष्ट है और इसमें सुधार की आवश्यकता है। उन्होंने इसके कुछ प्रावधानों पर पुनर्विचार करने की बात की। इस कानून के अनुसार, जो महिलाएं अपने सिर, हाथ और पैरों को पूरी तरह से ढकने में असफल रहेंगी, उनके लिए 15 साल की सजा और जुर्माने का प्रावधान है।
एमनेस्टी इंटरनेशनल समेत कई मानवाधिकार संगठनों ने इस कानून की आलोचना की है।
Also Read: लोकसभा: संसद में हंगामे के दौरान प्रियंका ने उठाया सवाल
1936 में महिलाएं थीं स्वतंत्र, 1983 में हिजाब अनिवार्य किया गया
ईरान में हिजाब लंबे समय से विवाद का विषय रहा है। 1936 में रेजा शाह के शासन के दौरान महिलाएं स्वतंत्र थीं। शाह के उत्तराधिकारियों ने भी महिलाओं को स्वतंत्रता दी, लेकिन 1979 की इस्लामिक क्रांति के बाद, जब आखिरी शाह को उखाड़ फेंका गया, तब 1983 में हिजाब अनिवार्य कर दिया गया।
ईरान पारंपरिक रूप से अपनी इस्लामी दंड संहिता के अनुच्छेद 368 को हिजाब कानून मानता है, जिसके तहत ड्रेस कोड उल्लंघन करने वालों को 10 दिन से दो महीने तक की सजा या 50 हजार से 5 लाख ईरानी रियाल तक का जुर्माना हो सकता है।
परस्तू अहमदी की गिरफ्तारी के बाद हिजाब कानून पर बहस बढ़ी, 11 दिसंबर को उन्होंने स्लीवलेस ड्रेस में वीडियो अपलोड किया।
वीडियो अपलोड के बाद गुरुवार को परस्तू अहमदी के खिलाफ केस दर्ज हुआ, और शनिवार को उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया।
BBC के अनुसार, 300 से अधिक ईरानी कार्यकर्ताओं, लेखकों और पत्रकारों ने एक पिटीशन पर साइन कर नए कानून को अवैध बताया है।
Also Read: दिल्ली-एनसीआर में गंभीर प्रदूषण: एयर क्वालिटी बिगड़ी, ग्रैप-4 लागू
राष्ट्रपति ने ईरान में हिजाब कानूनों का कई बार किया विरोध
राष्ट्रपति मसूद पजशकियान ने हिजाब कानूनों का विरोध करते हुए कहा कि नैतिक पुलिसिंग का कोई अधिकार नहीं है और महसा अमीनी की मौत के बाद इसे अपनी गलती माना।
पजशकियान ने 2022 में ‘औरत, जिंदगी, आजादी’ गाना अपनी रैली में इस्तेमाल किया, जो ‘बराए’ कैंपेन से था।
ईरान के सर्वोच्च नेता के समर्थक हिजाब कानून लागू करने पर जोर दे रहे हैं, जबकि देरी से विरोध का डर है।
Also Read : वानुआतु में 7.3 की तीव्रता का भूकंप फिर 5.5 का आफ्टर शॉक, झूले की तरह हिलीं इमारतें
More Stories
BJP MP’s Lok Sabha Speech Puts Uttarakhand BJP Government in the Spotlight
BPSC 70वीं परीक्षा परिणाम हाईकोर्ट ने याचिका खारिज, रिजल्ट रहेगा लागू
Maharashtra Council Accepts Breach of Privilege Notice Against Kunal Kamra