प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना शनिवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए भारत-बांग्लादेश ऊर्जा पाइपलाइन का उद्घाटन करेंगे। करीब 377 करोड़ रुपए की लागत से 131.5 किलोमीटर लंबी पाइपलाइन बनाई गई है, जिसमें से 285 करोड़ रुपए बांग्लादेश में पाइपलाइन बिछाने पर खर्च किए गए हैं। पाइपलाइन के माध्यम से एक वर्ष में दस लाख टन हाई-स्पीड डीजल भेजा जा सकता है, जिसके माध्यम से शुरू में उत्तरी बांग्लादेश के सात जिलों में हाई-स्पीड डीजल भेजा जाएगा।
विदेश मंत्रालय ने शुक्रवार को कहा, ‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना 18 मार्च शाम पांच बजे वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये से भारत-बांग्लादेश मित्र पाइपलाइन का उद्घाटन करेंगे।’ इस पाइपलाइन से इस साल जून से एक्सपेरीमेंटल आधार पर डीजल की सप्लाई की जाएगी। इस प्रोजेक्ट का काम 2018 में शुरू हुआ था। यह पाइपलाइन सिलिगुड़ी स्थित नुमालीगढ़ रिफाइनरी लिमिटेड के मार्केटिंग टर्मिनल से बांग्लादेश पेट्रोलियम कॉरपोरेशन के परबतीपुर डिपो तक जाएगी। दोनों देशों के बीच फ्यूल ट्रांसपोर्ट डील 15 साल के लिए हुई है जिसे बाद में आगे बढ़ाया जा सकता है।
बांग्लादेश दक्षिण एशिया में भारत का सबसे बड़ा ट्रेडिंग पार्टनर है। बांग्लादेश भारतीय एक्सपोर्ट के लिए दुनिया का चौथा सबसे बड़ा बाजार है। भारत से वहां सालाना 16 अरब डॉलर का एक्सपोर्ट होता है। दोनों देश कंप्रहेंसिव इकनॉमिक पार्टनरशिप एग्रीमेंट पर काम कर रहे हैं। इससे बांग्लादेश को भारत का एक्सपोर्ट दोगुना होकर निकट भविष्य में 32 अरब डॉलर पहुंच सकता है। दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय व्यापार वर्ष 2020-21 में 10.8 अरब डॉलर था जो 2021-22 में बढ़कर 18.2 अरब डॉलर तक पहुंच गया।
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