September 20, 2024

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India will use Chabahar Port to transfer 20,000 metric tonnes of wheat to Afghanistan

अफगानिस्तान को 20 हजार मीट्रिक टन गेहूं भेजेगा भारत

अफगानिस्तान पर भारत-मध्य एशिया संयुक्त कार्य समूह (जेडब्ल्यूजी) की पहली बैठक के बाद, भारत ने घोषणा की कि वह संयुक्त राष्ट्र खाद्य और कृषि संगठन (यूएनवीएफपी) के साथ साझेदारी में अफगानिस्तान को 20,000 मीट्रिक टन गेहूं प्रदान करेगा। काबुल को यह मदद पाकिस्तान के जरिए नहीं, बल्कि ईरान के चाबहार पोर्ट के जरिए दी जाएगी।

दरअसल, भारत और पांच मध्य एशियाई देशों ने मंगलवार (07 मार्च) को आतंकवाद और उग्रवाद के क्षेत्रीय खतरों का संयुक्त रूप से मुकाबला करने के तरीकों पर चर्चा की। इस दौरान इस बात पर जोर दिया गया कि अफगानिस्तान की जमीन का इस्तेमाल आतंकवादी प्रशिक्षण या फिर इस तरह की किसी गतिविधि की योजना बनाने के लिए नहीं किया जाना चाहिए। इसी दौरान ये भी तय हुआ कि अफगानिस्तान के लिए मदद करने वाली गेहूं की खेप पाकिस्तान के रास्ते नहीं बल्कि ईरान के रास्ते भेजी जाएगी।

भारत करता रहा है पाकिस्तान के रास्ते का इस्तेमाल

बैठक में भारत ने घोषणा की है कि वह ईरान के चाबहार पोर्ट के जरिए अफगानिस्तान को मदद के रूप में 20,000 टन गेहूं की सप्लाई के लिए यूएन वर्ल्ड फूड प्रोग्राम (WFP) के साथ पार्टनरशिप में काम करेगा। इससे पहले भारत ने पाकिस्तान के माध्यम से सड़क के रास्तों से लगभग 40,000 टन गेहूं की सप्लाई की है, लेकिन इसमें कई बाधाओं का सामना करना पड़ा।

इस बैठक में भारत, कजाकिस्तान, किर्गिजिस्तान, ताजिकिस्तान, तुर्कमेनिस्तान और उज्बेकिस्तान के विशेष दूतों और सीनियर अधिकारियों ने हिस्सा लिया। WFP और यूनाइटेड नेशंस ऑफिस ऑन ड्रग्स एंड क्राइम्स (यूएनओडीसी) के देशों के प्रतिनिधियों ने भी इसमें भाग लिया।

समूह ने बैठक के बाद एक संयुक्त बयान जारी किया जिसमें वास्तव में समावेशी और प्रतिनिधि राजनीतिक संरचना के निर्माण के महत्व पर जोर दिया गया जो सभी अफगानों के अधिकारों का सम्मान करता है और शिक्षा तक पहुंच सहित महिलाओं, लड़कियों और अल्पसंख्यक समूहों के सदस्यों के लिए समान अधिकार सुनिश्चित करता है।

परामर्श के दौरान, अधिकारियों ने आतंकवाद, उग्रवाद, कट्टरता और मादक पदार्थों की तस्करी के क्षेत्रीय खतरों पर चर्चा की। उन्होंने इन खतरों का मुकाबला करने के लिए समन्वित प्रयासों की संभावना पर भी चर्चा की।