भारत-साइप्रस संबंधों की 60वीं वर्षगांठ मनाने के लिए भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर गुरुवार को साइप्रस पहुंचे। उन्होंने अपने साइप्रस समकक्ष इयोनिस कसौलाइड्स से मुलाकात की और द्विपक्षीय संबंधों और आपसी और वैश्विक महत्व के मुद्दों, जैसे यूक्रेन संकट पर चर्चा की। दोनों नेताओं ने रक्षा और सैन्य सहयोग पर एक समझौता ज्ञापन सहित तीन समझौतों पर हस्ताक्षर किए। जयशंकर पिछले एक दशक में साइप्रस का दौरा करने वाले पहले भारतीय विदेश मंत्री हैं।
दोनों नेताओं ने विश्व शांति, स्वतंत्रता और लोकतंत्र पर भी अपने विचार साझा किए। कासोउलिडेस ने कहा कि भारत और साइप्रस लोगों के संपर्क में विविधता लाने तथा उसे गहरा के लिए प्रतिबद्ध हैं। जयशंकर और कासोउलिडेस ने यूक्रेन संघर्ष तथा अफगानिस्तान में स्थिति जैसे कई वैश्विक मुद्दों के साथ ही द्विपक्षीय संबंधों पर भी चर्चा की। जयशंकर ने कहा, ‘‘विदेश मंत्री के तौर पर मेरी अपनी आधिकारिक यात्रा पर यहां आना खुशी की बात है और यह यात्रा ऐसे वक्त में हो रही है जब हमारे कूटनीतिक संबंधों के 60 वर्ष पूरे हो गए हैं। यह खासतौर से गर्व की बात है और खुशी है कि इस मौके पर मैं यहां हूं।
विदेशमंत्री ने कहा कि साइप्रस के समकक्ष से मुलाकात करना यह दिखाता है कि भारत अपने द्विपक्षीय सहयोग को गहरा बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा, ‘‘भारत-साइप्रस की साझेदारी अत्यधिक महत्वपूर्ण है। यह लोकतंत्र, विविधता, बहुलवाद और कानून के लिए सम्मान के हमारे साझा मूल्यों में निहित हैं।
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