चीन और रूस की मित्रता स्पष्ट है। लेकिन पिछले हफ्ते कुछ हुआ, जो सबको हैरान कर दिया। रूस की एक कार्रवाई से चीन इतना आगबबूला हो गया कि उसने अपने ‘दोस्त’ को बहुत गुस्सा किया। दरअसल, पिछले हफ्ते शुक्रवार (4 अगस्त) को कुछ चीनी नागरिकों, एक प्रसिद्ध वीडियो ब्लॉगर समेत, रूस में प्रवेश करते समय बदसलूकी की गई। चीन इससे बहुत नाराज था।
वीडियो ब्लॉगर सहित कुछ चीनी नागरिक रूस में कजाकिस्तान से प्रवेश करना चाहते थे। लेकिन उन्हें बॉर्डर चेकप्वाइंट पर इसकी अनुमति नहीं मिली। रूसी अधिकारियों ने ऊपर से चीनी नागरिकों की कठोर जांच की। जब पूरी घटना का वीडियो वायरल हो गया, तो हालात और खराब हो गए। चेकिंग में शामिल एक चीनी व्यक्ति ने कहा कि उसे वहां अपराधी महसूस हुआ।
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रूस से चीन ने क्या कहा?
दूसरे देशों के लोगों के साथ बदसलूकी करने वाले चीन ने अपने लोगों को इस तरह अपमानित किया। चीनी दूतावास ने मॉस्को में कहा, ‘इस घटना में रूस की क्रूर और हद से ज्यादा कानून-प्रवर्तन गतिविधियों ने चीनी नागरिकों के वैध अधिकारों और उनके हितों का गंभीर उल्लंघन किया है।इस बयान के बाद मित्रता पर कई प्रश्न उठने लगे।
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वास्तव में दोस्ती टूट गई?
चीन ने जो कुछ कहा है, वह बिल्कुल नहीं बताता कि रूस-चीन की मित्रता खत्म हो गई है। चीन ने लगभग हर मुद्दे पर सहयोग किया है, जैसे यूक्रेन युद्ध। सोमवार को चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने भी फोन पर रूसी समकक्ष सर्गेई लावरोव से बातचीत की। किंतु इसमें चीनी नागरिकों के साथ हुई दुर्व्यवहार का उल्लेख नहीं किया गया। Wang ने स्पष्ट रूप से कहा कि चीन यूक्रेन पर एक ‘स्वतंत्र’ दृष्टिकोण अपनाएगा।
बीजिंग में स्थित ‘सेंटर फॉर चाइना एंड ग्लोबलाइजेशन’ के फाउंडर हेनरी वांग युयाओ ने कहा कि बॉर्डर पर हुई घटना हमें बताती है कि चीन और रूस के संबंध कितने जटिल हैं। उनका कहना है कि चीन को रूस के साथ अच्छे संबंधों कायम करना चाहिए। इसका मतलब यह नहीं है कि वह रूस के साथ सभी मामलों में सहयोग करना चाहता है।
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रूस से चीन की दोस्ती कैसी है?
दूसरी ओर, वह यूक्रेन के साथ अरबों डॉलर का व्यापार भी कर रहा है। चीन हाल ही में यूक्रेन युद्ध पर सऊदी अरब में एक बैठक में पहुंचा और युद्ध खत्म करने की मांग की। लेकिन उसी समय रूस और चीन की सेना अलास्का में सैन्य अभ्यास कर रहे थे। इससे पता चलता है कि चीन ने अपनी दोस्ती को व्यवस्थित किया है।
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