भारत के लोगों ने 2019 में 500 करोड़ रुपए की एंटीबायोटिक्स खाई हैं। हाल ही में आई द लैंसेट की रिपोर्ट इसका जिक्र किया गया है। साथ ही यह भी सामने आया है कि भारत में लोग बिना सोचे-समझे खुद से भी दवाइयां लेते हैं और इनसे होने वाले नुकसानों पर ध्यान ही नहीं देते।भारत के लोगों ने 2019 में 500 करोड़ रुपए की एंटीबायोटिक्स खाई हैं। हाल ही में आई द लैंसेट की रिपोर्ट इसका जिक्र किया गया है।यह बात सच है। एक बार यह सोचकर देखिए कि पिछली बार कब आपने एंटीबायोटिक्स ली थी। सर्दी-खांसी होने पर पास के मेडिकल शॉप से ली थी या घर पर रखी ले ली थी। एंटीबायोटिक्स का कोर्स पूरा किया था या नहीं, यह भी याद नहीं।
आज के एक्सपर्ट हैं- डॉ मनीष बंसल, डायरेक्टर, क्लिनिकल और प्रिवेंटिव कार्डियोलॉजी, हार्ट इंस्टीट्यूट, मेदांता अस्पताल गुरुग्राम और डॉ. तनु सिंघल, कंसल्टेंट, इनफेक्शियस डिजीज, कोकिलाबेन अस्पताल, मुंबई
सवाल1- एंटीबायोटिक्स क्या होती हैं? यह क्यों ली जाती हैं?
जवाब- बैक्टीरिया संक्रमण (bacterial infection) के इलाज करने और उसे रोकने के लिए एंटीबायोटिक्स का इस्तेमाल किया जाता है।
सवाल 2- क्या हर तरह के संक्रमण के लिए एंटीबायोटिक्स यूज करना चाहिए?
जवाब- नहीं, यह वायरल इंफेक्शन होने पर काम नहीं करती हैं। वायरल इंफेक्शन यानी सर्दी, फ्लू, गले में खराश। कई हल्के बैक्टीरियल इंफेक्शन में भी एंटीबायोटिक्स लेने की जरूरत नहीं पड़ती है।
एंटीबायोटिक्स लेते वक्त इन 5 बातों को न भूलें
- इसे हर बीमारी और तकलीफ में यूज न करें
- इंफेक्शन कैसा है, यह जानना जरूरी है
- डोज और ड्यूरेशन तय होना चाहिए
- एक बार एंटीबायोटिक्स ली है, तो उसका कोर्स पूरा करें
- किडनी और लिवर से जुड़ी कोई प्रॉब्लम है, तो इसे लेने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें
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