पटना: बिहार सरकार ने चीन में फैल रहे एचएमपीवी (HMPV) वायरस से निपटने की तैयारी शुरू कर दी है। सोमवार को स्वास्थ्य विभाग ने केंद्र के निर्देशों के तहत सभी जिलों को कोविड-19 जैसी सतर्कता बरतने का आदेश दिया है। यह वायरस सांस की समस्याएं उत्पन्न करता है, और फिलहाल इसके लिए कोई विशेष दवा या वैक्सीन उपलब्ध नहीं है। ऐसे में बचाव और लक्षणों के अनुसार इलाज करना आवश्यक है। इसमें पर्याप्त पानी पीना, आराम करना, दर्द और सांस की तकलीफ के लिए दवाएं लेना, और जरूरत पड़ने पर ऑक्सीजन सपोर्ट देना शामिल है।
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स्वास्थ्य सचिव संजय सिंह ने सभी स्वास्थ्य केंद्रों को फ्लू जैसे रोगों और गंभीर सांस की बीमारी (सारी) पर नजर रखने को कहा है। इसकी रिपोर्ट रोजाना आईएचआईपी पोर्टल पर भेजनी होगी। कोविड-19 की दवाइयां, किट, वेंटिलेटर, ऑक्सीजन, मास्क वगैरह की उपलब्धता सुनिश्चित करनी होगी। इसके बढ़ते मामलों पर नजर रखें। जरूरत पड़ने पर अस्पतालों में फ्लू कॉर्नर शुरू करें। संक्रमण नियंत्रण पर कड़ी नजर रखें। गंभीर मरीजों के सैंपल जांच के लिए पुणे की राष्ट्रीय लैब भेजें ताकि एचएमपीवी की पुष्टि हो सके।
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HMPV के लक्षण और संक्रमण का तरीका
एचएमपीवी के लक्षणों में खांसी, बुखार, नाक बहना, सांस लेने में तकलीफ, और गंभीर मामलों में ब्रोंकाइटिस और निमोनिया शामिल हैं। यह वायरस खांसने, छींकने, संक्रमित व्यक्ति को छूने, या संक्रमित चीजों के संपर्क में आने से फैलता है। स्वास्थ्य विभाग के अनुसार, यह वायरस सांस से जुड़ी समस्याएं पैदा करता है। इसलिए सांस लेने में तकलीफ होना इसका एक प्रमुख लक्षण है। अभी तक इसके लिए कोई विशेष दवाई या टीका उपलब्ध नहीं है। इसलिए बचाव ही सबसे अच्छा उपाय है। अगर किसी को लक्षण दिखाई दें तो उसे तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। लक्षणों के आधार पर इलाज किया जाता है।
एचएमपीवी से बचाव के तरीके भी कोरोना जैसे ही हैं। हाथों को साबुन और पानी से धोते रहें। गंदे हाथों से आंख, नाक या मुंह न छुएं। संक्रमित व्यक्ति से दूरी बनाए रखें। खांसते या छींकते समय मुंह को रूमाल से ढकें। संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आई चीजों को साफ करते रहें। बीमारी के दौरान खुद को घर में अलग रखें। छोटे बच्चों, 60 साल से अधिक उम्र के लोगों, और कमजोर इम्युनिटी वाले लोगों का खास ख्याल रखें।
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