भारत ने भविष्य की स्वास्थ्य महामारी से निपटने के लिए अपनी रणनीति तैयार कर ली है। ऐसी स्थिति में, जैसे ही पहला संदिग्ध या पुष्ट मरीज सामने आता है, 100 दिनों के भीतर न केवल वायरस को नियंत्रित किया जाएगा, बल्कि दवा या टीका की खोज भी साथ-साथ शुरू की जाएगी। जिला स्तर पर स्वास्थ्य टीमें मरीज की निगरानी करेंगी।
Also read: EPS पेंशन नियमों में बदलाव: 1 जनवरी से पेंशन मिलना होगा आसान
स्थानीय और राज्य स्तर पर सतर्कता और स्वास्थ्य की तैयारी
साथ ही, स्थानीय स्तर पर स्वास्थ्य टीमें लोगों को बीमारी के प्रति जागरूक करेंगी, जबकि राज्य स्तर की टीमें मरीज के सैंपल को सुरक्षित लैब तक पहुंचाने, उससे संबंधित डेटा, चिकित्सा इतिहास, और अध्ययन पर काम करेंगी। सरकार ने इस पूरी तैयारी को चार भागों में विभाजित किया है, जिन्हें पहले दिन से सक्रिय होना होगा।
नोडल ऑफिसर की तैनाती
नई दिल्ली स्थित नीति आयोग ने बृहस्पतिवार को 80 पन्नों की रूपरेखा में सभी राज्यों को यह जानकारी देते हुए कहा है कि भविष्य की महामारी से निपटने के लिए प्रत्येक राज्य में एक नोडल ऑफिसर तैनात किया जाएगा, जो जिलों में विभिन्न रोगजनकों और उनके प्रभावों की निगरानी करेगा।
Also read: अरविंद केजरीवाल को मिली जमानत, सुप्रीम कोर्ट ने आबकारी नीति घोटाले मामले दी राहत
WHO की चेतावनी: अति जोखिम भरे रोगजनकों की सूची
हाल ही में विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने दुनिया भर में फैलने वाले अति जोखिम भरे रोगजनकों की सूची जारी की है, जिसका उल्लेख नीति आयोग की रूपरेखा में भी किया गया है। इस जानकारी को साझा करते हुए डॉ. सौम्या स्वामीनाथन ने बताया कि कई ऐसे रोगजनक हैं जिनका प्रसार वर्तमान में हो रहा है, और ये भविष्य में कोरोना से भी बड़ी महामारी का कारण बन सकते हैं। इन रोगजनकों की निगरानी न केवल भारत बल्कि सभी देशों में की जा रही है। उन्होंने यह भी कहा कि हमें एक ऐसा सिस्टम तैयार करना होगा, जो किसी ज्ञात या अज्ञात संक्रमण के प्रकोप में पहले 100 दिनों के भीतर प्रभावी जवाबी कार्रवाई करने में सक्षम हो।
Also read: बांग्लादेश सरकार ने दुर्गा पूजा के दौरान नमाज़ के समय पर सख्त लगाई पाबंदियाँ
More Stories
XEC Covid Variant Detected in 27 Countries
हरियाणा में कांग्रेस का घोषणा पत्र: महिलाओं और बुजुर्गों के लिए विशेष योजनाएं
लालू और तेजस्वी को समन, तेज प्रताप की संलिप्तता पर कोर्ट ने कहा