रेल यात्रा काफी उबाऊ हो सकती है, लेकिन राजधानी एक्सप्रेस, शताब्दी एक्सप्रेस और वंदे भारत एक्सप्रेस जैसी कुछ ट्रेनें अधिक शानदार अनुभव प्रदान करती हैं। सामान्य मेल/एक्सप्रेस गाड़ियों में एक तो भीड़ काफी होती है। दूसरा, पेंट्री कार में खाने पीने के सीमित व्यंजन मिलते हैं। लेकिन अब ऐसा नहीं होगा। अब आप वहां समोसा, ब्रेड पकौड़ा, प्याज पकौड़ी, वड़ा, उपमा, मसाला डोसा आदि का भी आनंद उठा सकते हैं। यही नहीं, आप यदि डायबिटिक हैं तो आपके लिए ब्यायल्ड वेजीटेबल्स, दूध के साथ ओट, दूध के साथ कार्न फ्लैक्स, एग व्हाइट का आमलेट आदि का इंतजाम होगा। यदि आप मिलेट्स के प्रेमी हैं तो आपके लिए रागी लड्डू, रागी कचौड़ी, रागी का मसाला डोसा, रागी का उपमा, रागी का उत्तापम, रागी का पराठा आदि का भी इंतजाम है।
क्या हुआ है नया
कोरोना काल से पहले ट्रेनों में समोसा, ब्रेड पकौड़ा, पनीर पकौड़ा आदि पेंट्री कार में बनाये और बेचे जाते थे। इसे रेलवे अला कार्टा (a-la-carte) आइटम कहता है। बाद में इस पर पाबंदी लग गई। लेकिन अब रेलवे बोर्ड ने एक बार फिर से अला कार्टा आइटम्स का परमिशन दे दिया है। रेलवे बोर्ड से परमिशन मिलने के बाद इंडियन रेलवे कैटरिंग एंड टूरिज्म कारपोरेशन आईआरसीटीसी ने आला कार्टा आयटमों का मेन्यू और उसका रेट लिस्ट भी तय कर लिया है।

कितने आइटमों को मिली है मंजूरी
आईआरसीटीसी के आधिकारिक सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार उसने कुल 70 व्यंजनों का मेन्यू तैयार किया है। इसमें शाकाहारी, मांसाहारी, डायबिटिक और मिलेट फूड्स का भी ध्यान रखा गया है। यही नहीं, अब आपको ट्रेन में रीजनल फूड भी मिलेगा। जैसे बिहार बंगाल में झाल मूढ़ी, महाराष्ट्र में भेल, दक्षिण भारत में उपमा, वड़ा, इडली। उत्तर भारत के अलावा अन्य हिस्सों में भी समोसा, ब्रेड पकौड़ा, पनीर पकौड़ा, मामोज, चाउमीन आदि भी मिलेगा।
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