November 22, 2024

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Weird Tradition: अपनी मौत के लिए शॉपिंग करते हैं लोग, खरीदते हैं मनपसंद कब्र, कपड़े और ताबूत

Shukatsu Festival For Death Funeral: जब भी किसी की मौत हो जाती है तो उसके अंतिम संस्कार के लिए सामान खरीदा जाता है, लेकिन क्या आपने कभी ऐसा सुना है कि जिंदा रहते ही लोग अपने अंतिम संस्कार के लिए सामान खरीदते हैं. जी हां, एक देश ऐसा है जहां पर लोग मौत आने से पहले ही अपने लिए कब्र, कपड़े और कफन तक खरीद देते है. आपको जानकर हैरानी होगी कि इस के लिए एक फेस्टिवल भी आयोजित की जाती है, जिसे शुकात्सु फेस्टा (Shukatsu Festival) नाम से जाना जाता है.

जापान एक ऐसा देश है जहां जिंदा लोग अपने मौत के बाद के जरूरी सामानों को पहले से ही खरीद लेते हैं. मौत के बाद की तैयारी करने की बात कोई मजाक नहीं है. राजधानी टोक्यो में अंतिम संस्कार बिजनेस मेला लगता है और यहां पर लोग शॉपिंग करने के लिए आते हैं. हर साल 16 दिसंबर को ‘शुकात्सु फेस्टिवल’ उत्सव के दिन के रूप में मनाया जाता है.

फेस्टिवल में लोग चुनते हैं अपना अंतिम संस्कार पोशाक

इस उत्सव को ‘शुकात्सु फेस्टा’ (Shukatsu Festa) भी कहा जाता है. प्रतिभागी अपना अंतिम संस्कार पोशाक चुनते हैं, फूलों से भरे ताबूत की पर्ची कटाते हैं और उसमें लेटकर तस्वीर खिंचवाते हैं. इतना ही नहीं, लोग कब्रिस्तान में प्लॉट भी खरीदते हैं.

टोक्यो में आयोजित की जाती है शुकात्सु महोत्सव

मौत एक ऐसा विषय है जिसके बारे में लोग शायद ज्यादा न सोचें. वास्तव में, मृत्यु का उत्सव मनाना शायद बेतहाशा विचारों में से कुछ है. टोक्यो के शुकात्सु महोत्सव में, लोगों को वास्तव में सिखाया जाता है कि मौत की ठीक से तैयारी कैसे करें. जापानी में ‘शुकात्सु’ का अर्थ है अपने अंत की तैयारी करना.

विजिटर्स को सिखाया जाता है कैसे होती है तैयारी

इस व्यवसाय को ‘एंडिंग इंडस्ट्री’ कहा जाता है. इसका मुख्य उद्देश्य लोगों को इस बात से अवगत कराना है कि मृत्यु के बाद क्या होता है और उनके गुजर जाने के बाद जो लोग छोड़ जाते हैं उनका क्या होगा. विजिटर्स को यह भी सिखाया जाता है कि मृत्यु के बाद व्यक्ति के शरीर को कैसे तैयार किया जाए.

फेस्टिवल में बुजुर्ग के अलावा युवा भी लेते हैं हिस्सा

जापान में न केवल दुनिया की सबसे पुरानी आबादी है, बल्कि सबसे बड़ा अंतिम संस्कार उद्योग भी है. लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि त्योहार केवल बुजुर्गों के हित में है. बड़ी संख्या में युवा भी हैं, जो समान रुचि दिखाते हैं.