प्रयागराज में आज से आस्था के महापर्व महाकुंभ की भव्य शुरुआत हो गई है. पौष पूर्णिमा के अवसर पर श्रद्धालु गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती के संगम में पवित्र स्नान कर रहे हैं. जहां पहले करीब 1 करोड़ लोगों के स्नान का अनुमान लगाया गया था, वहीं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ट्वीट कर बताया कि डेढ़ करोड़ श्रद्धालुओं ने त्रिवेणी संगम में डुबकी लगाकर पुण्य लाभ अर्जित किया.
सीएम योगी ने पौष पूर्णिमा स्नान पर श्रद्धालुओं का किया अभिनंदन
सीएम योगी ने अपने ट्वीट में लिखा, ‘मानवता के मंगलपर्व ‘महाकुंभ 2025’ में ‘पौष पूर्णिमा’ के शुभ अवसर पर संगम स्नान का सौभाग्य प्राप्त करने वाले सभी संतगणों, कल्पवासियों, श्रद्धालुओं का हार्दिक अभिनंदन. प्रथम स्नान पर्व पर आज 1.50 करोड़ सनातन आस्थावानों ने अविरल-निर्मल त्रिवेणी में स्नान का पुण्य लाभ अर्जित किया.’
उन्होंने लिखा, ‘प्रथम स्नान पर्व को सकुशल संपन्न कराने में सहभागी महाकुंभ मेला प्रशासन, प्रयागराज प्रशासन, यूपी पुलिस, नगर निगम प्रयागराज, स्वच्छाग्रहियों, गंगा सेवा दूतों, कुंभ सहायकों, धार्मिक-सामाजिक संगठनों, विभिन्न स्वयंसेवी संगठनों तथा मीडिया जगत के बंधुओं सहित महाकुंभ से जुड़े केंद्र व प्रदेश सरकार के सभी विभागों को हृदय से साधुवाद.’
मकर संक्रांति स्नान होगा और भव्य, 7,000 करोड़ की परियोजनाओं से महाकुंभ की तैयारियां पूरी: मुख्य सचिव
उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने कहा, ‘मकर संक्रांति का स्नान आज के स्नान से भी बड़ा होगा. डेढ़ साल से राज्य सरकार मेला प्रशासन के साथ मिलकर इसकी तैयारी कर रही थी. प्रयागराज शहर में और 4,000 हेक्टेयर में फैले मेला क्षेत्र में करीब 7 हजार करोड़ रुपए के कार्य किए गए हैं. महाकुंभ के लिए सरकार ने सभी तैयारियां पूरी कर ली हैं और मुझे उम्मीद है कि आने वाले श्रद्धालुओं और पर्यटकों को इस महाकुंभ का बहुत अच्छा अनुभव होगा.’
वहीं, अधिकारियों ने जानकारी दी है कि पहले स्नान पर्व पौष पूर्णिमा से एक दिन पहले रविवार को संगम पर करीब 50 लाख श्रद्धालुओं ने डुबकी लगाई. बड़ी संख्या में साधु संतों के साथ ही पुरुषों, महिलाओं, बुजुर्गों और बच्चों ने संगम में डुबकी लगाई. इससे पहले शनिवार को भी 33 लाख श्रद्धालुओं ने संगम में स्नान किया था.
मान्यता है कि कुंभ के मेले में स्नान करने से पापों से मुक्ति मिल जाती है. समुद्र के मंथन से निकले अमृत को पाने के लिए देवताओं और राक्षसों में 12 वर्षों तक युद्ध चला. इस युद्ध के दौरान कलश में से जिन स्थानों पर अमृत की बूंदें गिरीं वहां पर कुंभ मेला आयोजित किया जाता है. 12 वर्षों तक युद्ध चलने के कारण ही कुंभ हर 12 वर्ष में एक बार आता है. महाकुंभ के स्नान को शाही स्नान के नाम से जाना जाता है.
More Stories
PM Discusses Tesla’s India Entry with Elon Musk
Facebook Losing Relevance? ‘Worried’ Zuckerberg Breaks Silence
सीलमपुर हत्याकांड: पोस्टरों से झलकी दहशत