अमेरिकी संसद में सत्तारूढ़ डेमोक्रेटिक पार्टी को बड़ा झटका लगा है। राष्ट्रपति चुनाव में कमला हैरिस अपने प्रतिद्वंद्वी डोनाल्ड ट्रंप से पीछे चल रही हैं, और अब संसद के उच्च सदन, सीनेट में भी डेमोक्रेट्स को हार का सामना करना पड़ा है। रिपब्लिकन पार्टी ने सीनेट में बहुमत हासिल कर लिया है, जिसके चलते सदन में रिपब्लिकन पार्टी के 51 और डेमोक्रेट पार्टी के 49 सदस्य हो गए हैं। यह संतुलन अमेरिकी राजनीति में एक महत्वपूर्ण बदलाव माना जा रहा है, क्योंकि सीनेट में बहुमत से रिपब्लिकन पार्टी को कई महत्वपूर्ण विधेयक पास कराने और प्रशासनिक निर्णयों में बढ़त हासिल होगी।
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मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, ओहायो से डेमोक्रेट सीनेटर शेरोड ब्राउन अपने चौथे कार्यकाल के लिए चुनाव लड़ रहे थे, लेकिन उन्हें इस बार रिपब्लिकन उम्मीदवार बर्नी मोरेनो से हार का सामना करना पड़ा। मोरेनो एक लग्जरी कार डीलर हैं, जिन्होंने आक्रामक चुनाव प्रचार के जरिए मतदाताओं का समर्थन जुटाया और ब्राउन को शिकस्त दी।
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सीनेट में रिपब्लिकन बहुमत, बाइडेन प्रशासन के लिए नई चुनौती
इसके अलावा, वेस्ट वर्जिनिया की एक महत्वपूर्ण सीट, जो सीनेटर जो मैनचिन III के रिटायरमेंट के बाद खाली हुई थी, पर भी रिपब्लिकन पार्टी ने कब्जा कर लिया। इस सीट पर वेस्ट वर्जिनिया के गवर्नर जिम जस्टिस ने रिपब्लिकन उम्मीदवार के रूप में जीत दर्ज की।
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रिपब्लिकन पार्टी की इन दो महत्वपूर्ण जीतों ने सीनेट में उनकी स्थिति मजबूत कर दी है। इसके चलते बाइडेन प्रशासन के लिए आने वाले दिनों में कानून पास कराना कठिन हो सकता है, क्योंकि अब सीनेट में रिपब्लिकन का बहुमत है। इन चुनाव परिणामों के बाद अमेरिकी राजनीति में नए समीकरण बन सकते हैं, जो अगले कुछ वर्षों के लिए महत्वपूर्ण होंगे।
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