यूपी की मिर्जापुर जिले की मझवां विधानसभा सीट पर उपचुनाव को लेकर चुनावी माहौल गरम है। यहां हिंदुत्व, राष्ट्रवाद, विकास, रोजगार और जातीय गोलबंदी प्रमुख मुद्दे बने हुए हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य और ब्रजेश पाठक ने कई जनसभाएं की हैं। वहीं यूपी, सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव, तीन सांसद और प्रदेश अध्यक्ष ने भी पूरी ताकत झोंकी है।
Also Read: न्यायमूर्ति संजीव खन्ना ने भारत के 51वें मुख्य न्यायाधीश के रूप में ली शपथ
बसपा अपनी परंपरागत वोट बैंक के साथ ब्राह्मण मतदाताओं को जोड़ने की कोशिश कर रही है। हालांकि, मायावती और उनके भतीजे आकाश आनंद के चुनाव प्रचार में सक्रिय न होने को लेकर चर्चाएं जोरों पर हैं। लोगों का सवाल है कि क्या बसपा इस उपचुनाव को गंभीरता से नहीं ले रही, क्योंकि अब तक किसी बड़े नेता की जनसभा नहीं हुई है।
Also Read: हैदराबाद: प्रेम संबंध तोड़ने के लिए पिता ने भेजा बेटी को अमेरिका, प्रेमी ने की पिता पर फायरिंग
जातीय समीकरण और राजनीतिक रणनीति के बीच रोचक मुकाबला
मझवां के बजरंग चौराहे पर पान की दुकान पर लोग चुनावी चर्चा में व्यस्त दिखे। क्षेत्र के विकास के लिए सत्ता के साथ जाने की बात कहने वाले राधेश्याम, और सपा के समर्थन में अपनी राय रखने वाले रोहित जैसे लोगों की बहसें चुनावी माहौल को रोचक बना रही हैं।
Also Read: पाँचवे दिन भी जारी आंदोलन: आयोग के आश्वासन पर अड़े छात्र
वहीं, यह भी चर्चा हो रही है कि किस पार्टी ने कितना जोर लगाया और कौन-कौन बड़े नेता क्षेत्र में आए। डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक के कछवा में कार्यक्रम का भी जिक्र हो रहा है। कुल मिलाकर, मझवां की इस सीट पर जातीय गणित और पार्टी की रणनीति के बीच दिलचस्प मुकाबला देखने को मिल सकता है। सभी दल अपने-अपने दावों और वादों के साथ मैदान में हैं, और मतदाता अपने फैसले को लेकर चर्चाओं में व्यस्त हैं।
Also Read: कर्नाटक: रिजॉर्ट के स्विमिंग पूल में डूब रही सहेली को बचाने कूदीं दो महिलाएं, तीनों की हुई मौत
More Stories
India’s Active Covid-19 Cases Rise Above 2,700; Delhi Records First Fatality
Pak PM: India Fired Brahmos Before Our Retaliation
देहरादून: सूर्यधार रोड पर भिड़ीं गाड़ियां, शख्स को कुचलने की कोशिश; 9 गिरफ्तार