December 23, 2024

News , Article

Supreme Court

सुप्रीम कोर्ट ने खारिज की वीवीपैट और बैलेट पेपर से जुड़ीं याचिकाएं

सुप्रीम कोर्ट ने आज वोटर वेरिफायबल पेपर ऑडिट ट्रेल (VVPAT) के पर्चियों के मिलान की याचिकाओं पर अपना फैसला सुनाया. चुनाव आयोग को वीवीपैट से जुड़ी याचिकाओं से बड़ी राहत मिली है. सुप्रीम कोर्ट ने लोकसभा चुनाव के दूसरे चरण के बीच ईवीएम और VVPAT के मिलान की याचिकाओं को खारिज कर दिया. जस्टिस संजीव खन्ना ने यह स्पष्ट किया कि वे सभी वीवीपैट से संबंधित याचिकाओं को खारिज कर दिया हैं.

Also Read: EVM-VVPAT case: Supreme Court rejects pleas seeking 100% cross verification

जस्टिस संजीव खन्ना ने अपने आदेश में चुनाव आयोग से कहा कि सिंबल लोडिंग यूनिट को 45 दिन तक सुरक्षित रखा जाए. कोर्ट ने आगे हा कि आंख मूंद कर एक बनी बनाई व्यवस्था पर सवाल नहीं खड़े किए जा सकते हैं. अगर कोई प्रत्याशी वेरिफिकेशन की मांग करता है तो उस स्थिति में इसका खर्चा उसी से वसूला जाए, अगर ईवीएम में कोई छेड़छाड़ मिलती है तो उसे खर्चा वापस किया जाए.

Also Read: बिहार: शादी में आतिशबाजी से घर में लगी आग, एक ही परिवार के 6 लोगों की मौत

सुप्रीम कोर्ट ने वीवीपैट से जुड़ी याचिकाओं को किया खारिज

दरअसल, कई संगठनों ने सुप्रीम कोर्ट में याच‍िका दाख‍िल करके ईवीएम और वीवीपैट की पर्च‍ियों के शत प्रतिशत म‍िलान की मांग की थी. इससे पहले की सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट में न्यायमूर्ति संजीव खन्ना की अध्यक्षता वाली पीठ ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था. इस पीठ में न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता भी शामिल थे. इससे पहले अदालत ने बुधवार को ईवीएम के कामकाज से संबंधित कुछ तकनीकी पहलुओं को स्पष्ट करने के लिए भारतीय निर्वाचन आयोग के एक अधिकारी को बुलाया था.

Also Read: Credit card spends hit record Rs 1L cr in March

पिछले सप्ताह पीठ ने इस मामले में कई जनहित याचिकाओं (पीआईएल) पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था. उसने कहा था कि आधिकारिक कृत्यों को आम तौर पर भारतीय साक्ष्य अधिनियम के तहत वैध माना जाता है और चुनाव आयोग द्वारा की गई हर चीज पर संदेह नहीं किया जा सकता है. केंद्र सरकार के दूसरे सर्वोच्च कानूनविद, सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने चुनाव की पूर्व संध्या पर समय-समय पर जनहित याचिका दायर करने के लिए याचिकाकर्ताओं की आलोचना करते हुए कहा था कि मतदाता की लोकतांत्रिक पसंद को मजाक में बदल दिया जा रहा है. उन्होंने कहा कि इस मुद्दे पर शीर्ष अदालत ने पहले ही इसी तरह की राहत की मांग करने वाली याचिकाओं को खारिज कर दिया है.

Also Read: भारत में बनेगी ‘क्रिस्टल मेज 2’ मिसाइल, जिससे इजरायल ने किया था ईरान पर हमला