February 21, 2025

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Yogi Adityanath

UP Budget 2025 योगी का विपक्ष पर हमला संगम का जल शुद्ध

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने महाकुंभ के आयोजन को लेकर विपक्षी दलों द्वारा की जा रही बयानबाजी पर सख्त प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने समाजवादी पार्टी (सपा) पर निशाना साधते हुए कहा कि ये लोग शुरुआत से ही महाकुंभ का विरोध कर रहे हैं और सनातन धर्म का अपमान कर रहे हैं।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विधानसभा में महाकुंभ पर हो रही चर्चा के दौरान कहा कि इस ऐतिहासिक आयोजन के खिलाफ अफवाह फैलाने वाले करोड़ों लोगों की आस्था का अपमान कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि अब तक महाकुंभ में 56 करोड़ से अधिक श्रद्धालु स्नान कर चुके हैं, और संगम का जल पूरी तरह से स्वच्छ और नहाने योग्य है। इसके बावजूद विपक्ष के नेता इसे लेकर मानव मल होने जैसी भ्रामक अफवाहें फैला रहे हैं। उन्होंने कहा कि महाकुंभ सिर्फ किसी सरकार का आयोजन नहीं है, बल्कि यह सनातन संस्कृति का पर्व है और इसकी पवित्रता पर सवाल उठाने वाले लोग सनातन आस्था का अपमान कर रहे हैं। इस आयोजन पर राजनीति करना उचित नहीं है।

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योगी का सपा और सहयोगी दलों पर तीखा प्रहार

योगी आदित्यनाथ ने सपा पर तीखा प्रहार करते हुए कहा कि पार्टी के नेता महाकुंभ के विरोध में लगातार बयानबाजी कर रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि सपा की सहयोगी ममता बनर्जी ने महाकुंभ को ‘मृत्युकुंभ’ कहा, जबकि राजद नेता लालू प्रसाद यादव ने इसे ‘फालतू का आयोजन’ बताया। कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने भी महाकुंभ में भगदड़ की घटनाओं को लेकर गलत बयान दिए।

मुख्यमंत्री ने कहा, “अगर सनातन संस्कृति का पालन करना अपराध है, तो हम यह अपराध हजार बार करेंगे।” उन्होंने सपा पर निशाना साधते हुए कहा कि संक्रमित व्यक्ति का उपचार किया जा सकता है, लेकिन संक्रमित सोच का कोई उपचार नहीं है। उन्होंने महाकुंभ की महत्ता पर जोर देते हुए कहा कि हर महान कार्य तीन अवस्थाओं से गुजरता है – उपहास, विरोध और अंत में स्वीकृति। इसका सबसे बड़ा प्रमाण यह है कि सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष खुद चुपचाप महाकुंभ में डुबकी लगाकर आ गए।

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विधानसभा में भाषा विवाद पर तीखी बहस

विधानसभा की कार्यवाही के दौरान अंग्रेजी भाषा को शामिल करने के विरोध और उर्दू को भी शामिल करने की मांग को लेकर समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता माता प्रसाद पांडेय ने अपनी आपत्ति दर्ज कराई। उन्होंने कहा कि हम अंग्रेजी भाषा का विरोध नहीं करते, जिसे पढ़ना हो वह पढ़ सकता है, लेकिन सदन की कार्यवाही में इसे शामिल नहीं किया जाना चाहिए, क्योंकि इससे ज्यादातर सदस्य इसे समझ नहीं पाएंगे।

उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा सपा पर कठमुल्लापन को बढ़ावा देने का आरोप लगाए जाने पर कड़ी आपत्ति जताई। उन्होंने कहा, “गोरखपुर के महान उर्दू शायर रम्पत शाह फिराक क्या कठमुल्ला थे? उर्दू उपन्यास लिखने वाले क्या कठमुल्ला थे? क्या विश्वविद्यालयों में उर्दू पढ़ने वाले कठमुल्ला हैं?” उन्होंने यह भी मांग की कि सदन की कार्यवाही में अवधी, ब्रज, बुंदेली और भोजपुरी के साथ उर्दू और संस्कृत को भी शामिल किया जाए।

इस पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि सपा के नेता अपने बच्चों को अंग्रेजी माध्यम के स्कूलों में पढ़ाते हैं, लेकिन जनता को उर्दू पढ़ाने की वकालत करते हैं। उन्होंने कहा कि सपा देश को कठमुल्लापन की ओर ले जाना चाहती है।

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सरकार की सफाई हिंदी को कमजोर नहीं किया जाएगा

विधानसभा में भाषा को लेकर बढ़ते विवाद पर संसदीय कार्यमंत्री सुरेश खन्ना ने सरकार का पक्ष रखते हुए कहा कि हम किसी पर भी अंग्रेजी भाषा थोपना नहीं चाहते हैं, और न ही हिंदी भाषा को कमजोर किया जाएगा। उन्होंने स्पष्ट किया कि सदन की कार्यवाही हिंदी में ही होगी और सदस्य अवधी, ब्रज, बुंदेली और भोजपुरी में अपना संबोधन कर सकते हैं।

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बिजली निजीकरण पर विपक्ष और सरकार आमने-सामने

विधान परिषद में बिजली के निजीकरण का मुद्दा भी छाया रहा। विपक्ष ने आरोप लगाया कि बिजली विभाग के पास किसी भी निजी कंपनी से अधिक अनुभव है, फिर भी निजीकरण करने की योजना बनाई जा रही है। उन्होंने आशंका जताई कि इससे बिजली के दाम बढ़ सकते हैं और राज्य के उपभोक्ताओं पर अतिरिक्त आर्थिक बोझ पड़ सकता है।

ऊर्जा मंत्री एके शर्मा ने विपक्ष के आरोपों का जवाब देते हुए कहा कि बिजली का निजीकरण राज्य के लिए आवश्यक है। उन्होंने कहा कि 2017 में जब भाजपा सरकार सत्ता में आई, तब बिजली विभाग पर 1.42 लाख करोड़ रुपये का घाटा था। हमारी सरकार ने इसे कम करने का प्रयास किया है। हालांकि, उन्होंने यह भी स्वीकार किया कि बिजली विभाग में अभी भी सुधार की आवश्यकता है।

उन्होंने विपक्ष को आश्वस्त किया कि निजीकरण से बिजली के दाम नहीं बढ़ेंगे और कर्मचारियों के हितों की पूरी तरह से रक्षा की जाएगी। उन्होंने कहा कि हम प्रदेश की जनता को 24 घंटे बिजली देने के लिए यह कदम उठा रहे हैं।

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बजट को लेकर सरकार का दावा जनहितकारी होगा बजट

सत्र की कार्यवाही से पहले यूपी के वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि इस साल का बजट पूरी तरह से जनकल्याणकारी होगा। उन्होंने कहा कि बजट में गरीबों और मध्यम वर्ग के लोगों का विशेष ध्यान रखा जाएगा, साथ ही बुनियादी ढांचे के विकास पर भी जोर दिया जाएगा।

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ममता बनर्जी के बयान पर प्रतिक्रिया

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी द्वारा महाकुंभ को ‘मृत्युकुंभ’ कहे जाने पर भी योगी आदित्यनाथ ने कड़ी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि जो लोग धार्मिक आयोजनों और सनातन संस्कृति को नहीं समझते, वही इस तरह की भाषा का प्रयोग करते हैं। उन्होंने विपक्षी नेताओं से अपील की कि वे महाकुंभ जैसे सांस्कृतिक आयोजनों पर अनावश्यक विवाद खड़ा न करें और करोड़ों श्रद्धालुओं की आस्था का सम्मान करें।

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योगी आदित्यनाथ ने विपक्ष पर सनातन धर्म के अपमान का आरोप लगाया।

UP बजट 2025 के सत्र में महाकुंभ, भाषा विवाद और बिजली निजीकरण जैसे प्रमुख मुद्दे छाए रहे। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विपक्ष पर जोरदार हमला करते हुए महाकुंभ पर फैलाए जा रहे अफवाहों को सनातन धर्म का अपमान बताया। वहीं, भाषा विवाद पर सरकार और विपक्ष के बीच तीखी बहस हुई, और बिजली के निजीकरण को लेकर सरकार ने अपनी मंशा स्पष्ट की। वित्त मंत्री ने आश्वासन दिया कि इस बार का बजट जनभावनाओं के अनुरूप होगा और आम जनता के कल्याण को प्राथमिकता दी जाएगी।

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