कांग्रेस के जेपी अग्रवाल और शीला दीक्षित जैसे विभाजनकारी नेताओं के साथ मात दे चुके हैं मनोज, लेकिन कन्हैया कुमार की ज़िंदगी संघर्ष और लोकप्रियता की देख रेख में एक नई दिशा मिल सकती है. उनका आत्मविश्वास, झोलावाला भाषा, और गहरे विचारों से भरपूर अंतराष्ट्रीय चेहरा चुनावी मैदान में एक महत्वपूर्ण ताकत बना सकता है. इसके अलावा, उनके समर्थन में युवाओं का बड़ा समूह है, जो उन्हें एक उम्मीदवार के रूप में देखने के लिए प्रेरित कर सकता है. अब यह देखना होगा कि वे कितना मनोज तिवारी के सामने चुनौती प्रस्तुत कर पाते हैं और क्या उनकी लोकप्रियता से वोटरों को प्रेरित किया जा सकता है.
Also Read: कंगना रनौत ने कांग्रेस नेता विक्रमादित्य सिंह के बारे में कहीं कई बातें
कांग्रेस ने अंततः दिल्ली की अपनी तीन लोकसभा सीटों के लिए उम्मीदवारों का ऐलान कर दिया है. उत्तरी-पूर्वी दिल्ली सीट से, कांग्रेस ने जेएनयू छात्रसंघ के पूर्व अध्यक्ष, कन्हैया कुमार को उतारा है. उनके खिलाफ बीजेपी के दो बार के सांसद मनोज तिवारी का उत्तरदायित्व लेने का एलान हुआ है. यह चुनाव पहली बार है जब पूर्वांचली और मुस्लिम बहुल उत्तरी-पूर्वी दिल्ली सीट पर दो पूर्वांचलियों के बीच चुनावी मुकाबला होगा. अब देखना है कि बीजेपी और कांग्रेस में कौन किस पर भारी पड़ेगा.
बीजेपी ने दिल्ली के सभी सात सांसदों में से छह को नए उम्मीदवारों को उतारकर उनकी जगह बदल दी है
बीजेपी ने दिल्ली के सभी सात सांसदों में से छह को नए उम्मीदवारों को उतारकर उनकी जगह बदल दी है, जबकि मनोज तिवारी एकमात्र सांसद हैं, जिन पर पार्टी ने भरोसा जताया है. उत्तरी-पूर्वी सीट पर, कांग्रेस के जेपी अग्रवाल और शीला दीक्षित जैसे अनुभवी नेताओं ने मनोज तिवारी को हराया है. इस दौरान, आम आदमी पार्टी और कांग्रेस का गठबंधन स्थापित हुआ है. ऐसे में, उत्तरी-पूर्वी सीट पर चुनावी मैदान में उतरने जा रहे कन्हैया कुमार क्या मनोज तिवारी को चुनौती दे पाएंगे.
Also Read: कार्तिक आर्यन बुंडेसलीगा ड्रीम इंडिया प्रोजेक्ट के लिए एम्बेसडर बने…
कन्हैया कुमार और मनोज तिवारी के बीच, उत्तरी-पूर्वी दिल्ली लोकसभा सीट पर, उत्तरी प्रदेश और बिहार से सम्बंधित लोगों और मुस्लिम समुदाय के मतदाताओं की भूमिका अत्यधिक महत्वपूर्ण होगी. इन वोटर्स की चुनावी जीत में महत्वपूर्ण भूमिका होगी। कांग्रेस की उम्मीद है कि वह मुस्लिम, दलित, और अल्पसंख्यक समुदायों से समर्थन प्राप्त करेगी, जबकि बीजेपी को उम्मीद है कि वह पूर्वांचल और बहुसंख्यक वोटों का समर्थन प्राप्त करेगी. अब यह देखना होगा कि किसकी ओर मतदाताओं का पल्ला भारी होता है.
More Stories
NEP Row Pradhan Urges Stalin to Rise Above Politics
Powerlifter Yashtika Acharya, 17, Dies in Training Accident
संभल हिंसा: 208 आरोपियों के खिलाफ 4175 पन्नों की चार्जशीट दाखिल