सीईसी राजीव कुमार ने बताया कि हमने चुनाव कर्मियों द्वारा सावधानीपूर्वक और सतर्कतापूर्वक किए गए काम के कारण 2019 के चुनाव की तुलना में 2024 के लोकसभा चुनाव में कम पुनर्मतद.
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चुनाव आयोग की संवाद-सभा: रिकॉर्ड भागीदारी और तैयारी का परिणाम
चुनाव आयोक्ताओं ने लोकसभा चुनाव 2024 में भाग लेने वाले सभी मतदाताओं की भागीदारी की विशेष आदान-प्रदान को सराहा। चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने इसे एक बड़ी उपलब्धि बताया और सावधानीपूर्वक काम करने का आभास दिलाया।
राजीव कुमार ने बताया कि पुनर्मतदान की गिनती कम रही है, जो उनकी तैयारी और कर्मियों की सतर्कता का परिणाम है। उन्होंने बताया कि इस बार के चुनाव में हिंसा का कोई मामला नहीं हुआ और यह उनकी दो साल की मेहनत का परिणाम है। इससे पहले वे सोशल मीडिया पर ‘लापता जेंटलमैन’ के नाम से अफवाहों के बारे में बात कर रहे थे। परंतु उन्होंने उसे सराहा और कहा कि वे हमेशा अपने काम के लिए समर्पित रहे हैं।
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महत्वपूर्ण जानकारी चुनाव प्रेस कॉन्फ्रेंस से
चुनाव की महत्वपूर्ण तथ्यों की संक्षिप्त चर्चा के अनुसार, भारत ने लोकसभा चुनाव में ऐतिहासिक भागीदारी दर्ज की, जहां 31.2 करोड़ महिलाओं सहित कुल 64.2 करोड़ मतदाताओं ने शामिल होकर वैश्विक रिकॉर्ड बनाया। सीईसी राजीव कुमार ने सोशल मीडिया पर आयोग को लेकर किए गए कुछ मीम्स पर प्रतिक्रिया देते हुए आयोग की सकारात्मक भूमिका को साबित किया। दुनिया के सबसे बड़े चुनाव प्रक्रिया में 68,000 से अधिक निगरानी दल, 1.5 करोड़ पोलिंग और सुरक्षाकर्मी शामिल थे। लोकसभा चुनाव 2024 के दौरान करीब चार लाख वाहन, 135 विशेष ट्रेनें और 1,692 हवाई उड़ानें इस्तेमाल की गईं। पिछले चुनावों की तुलना में 2024 में केवल 39 पुनर्मतदान हुए, जबकि 2019 में 540 हुए थे।
जम्मू-कश्मीर में चार दशकों में सबसे अधिक मतदान हुआ, कुल मिलाकर 58.58% और घाटी में 51.05% मतदान हुआ। चुनाव प्रक्रिया के सुधार के लिए आयोग ने कई उपाय किए, जैसे शीर्ष नेताओं के खिलाफ कानूनी कार्रवाई और आदर्श आचार संहिता के पालन में संशोधन।
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