लेटरल एंट्री को लेकर केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कांग्रेस पर भ्रामक आरोप लगाने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि सरकार की इस पहल से वरिष्ठ नौकरशाही में अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति की भर्ती पर कोई असर नहीं पड़ेगा।
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केंद्र ने UPSC विज्ञापन पर लगाई रोक
UPSC के जरिए लेटरल एंट्री (Lateral Entry) पर इस कदर विवाद छिड़ा कि सरकार ने इसके विज्ञापन पर रोक लगाने का आदेश दे दिया है. केंद्र सरकार ने मंगलवार को सीधी भर्तियों वाले उस विज्ञापन पर रोक लगाने का आदेश दिया है, जिसे UPSC ने जॉइंट सेक्रेट्री और डायरेक्टर पद पर भर्ती के लिए शनिवार को जारी किया था. पीएम मोदी के निर्देश पर DoPT मंत्री ने यूपीएससी अध्यक्ष को लेटरल एंट्री रद्द करने के लिए पत्र लिखा है. लेटरल एंट्री वाले विज्ञापन पर पीएम मोदी के निर्देश पर रोक लगाने का आदेश दिया गया है.
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लेटरल एंट्री पर क्यों हो रहा बवाल?
17 अगस्त को जारी विज्ञापन में UPSC ने लेटरल एंट्री के जरिए 45 भर्तियां निकाली थीं. ये भर्तियां जॉइंट सेक्रेट्री, डिप्टी सेक्रेट्री और डायरेक्टर लेवल की थीं. विपक्ष जिसकी जमकर आलोचना कर रहा था. दरअसल बिना UPSC एग्जाम दिए ही इन पदों पर सीधी भर्ती होनी थी. उस विज्ञापन पर विवाद के बाद रोक लगाने का आदेश दिया गया है. UPSC के जरिए लेटरल एंट्री पर 45 नियुक्तियों को लेकर विवाद हो रहा था. राहुल गांधी, अखिलेश यादव, मायावती और लालू यादव समेत तमाम नेता इसका विरोध कर रहे हैं. राहुल गांधी का आरोप है कि लेटरल एंट्री के जरिए सरकार SC,ST, OBC के हक पर डाका डाल रही.
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