आरओ-एआरओ परीक्षा के आयोजन को लेकर उठ रही मांगों के बीच आयोग ने एक उच्च स्तरीय समिति के गठन का आश्वासन देकर प्रतियोगी छात्रों को शांत करने का प्रयास किया है, लेकिन छात्र इसे केवल बरगलाने का तरीका मान रहे हैं। छात्रों की मुख्य मांग यह है कि आरओ (रिव्यू ऑफिसर) और एआरओ (असिस्टेंट रिव्यू ऑफिसर) परीक्षाओं का आयोजन एक ही दिन और एक ही शिफ्ट में किया जाए।
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छात्रों का कहना है कि इन परीक्षाओं के आयोजन की तिथियों में बदलाव और असमान शिफ्ट में परीक्षाएं होने से उनका समय और प्रयास दोनों बर्बाद हो रहे हैं, जिससे उनकी तैयारी और मानसिक स्थिति पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है।
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एक शिफ्ट में परीक्षा की मांग पर अड़े छात्र
परीक्षार्थियों का मानना है कि एक ही दिन और शिफ्ट में परीक्षा होने से वे सभी पूरी एकाग्रता के साथ परीक्षा दे सकेंगे और निष्पक्षता भी बनी रहेगी। इस संबंध में पिछले कुछ दिनों से छात्र लगातार आंदोलन कर रहे हैं। छात्रों के इस विरोध-प्रदर्शन ने सरकार और आयोग का ध्यान आकर्षित किया, जिसके बाद आयोग ने समिति गठन का वादा किया। छात्रों का कहना है कि यदि उनकी मांगों पर जल्द ही ठोस कदम नहीं उठाया गया, तो वे अपने आंदोलन को और तेज करेंगे।
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आयोग की इस पहल को छात्रों ने बहलाने का प्रयास माना है। छात्र चाहते हैं कि उनके मुद्दों को गहराई से समझा जाए और समिति के गठन के बजाय उनकी मांगों को पूरी तरह से माना जाए। उनका कहना है कि आश्वासनों से अब काम नहीं चलेगा और यदि जल्द कार्रवाई नहीं की गई, तो स्थिति और गंभीर हो सकती है।
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