उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक ने उत्तर प्रदेश के स्वास्थ्य ढांचे में हुए बदलावों पर चर्चा करते हुए कहा कि 2017 के बाद यूपी का हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर पूरी तरह बदल चुका है। 2017 में 12 सरकारी मेडिकल कॉलेज थे, और अब 80 मेडिकल कॉलेज पूरी क्षमता से काम कर रहे हैं, और यह सिर्फ आठ वर्षों में हुआ है। कुछ जिलों में और मेडिकल कॉलेज बनाने की योजना है, जो पीपीपी मोड में लागू किए जाएंगे।
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यूपी 4.5 लाख शिक्षकों को एआई प्रशिक्षण, पाठ्यक्रम में समावेश
प्रो. राजीव कुमार ने एआई और तकनीकी शिक्षा पर बात करते हुए कहा कि करीब 4.5 लाख शिक्षकों को एआई का प्रशिक्षण दिया गया है, जिससे वे बच्चों को तकनीकी शिक्षा दे सकें। एआई को स्कूलों के पाठ्यक्रम में शामिल किया गया है और अब यह हर विषय में एकीकृत हो चुका है। इसके अलावा, आईआईटी, एनआईटी, और आईआईएससी जैसी संस्थाओं के साथ करार किया गया है ताकि छात्रों को उच्चतम तकनीकी शिक्षा मिल सके।
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एआईसीटीई ने करिकुलम अपडेट कर नौकरी संभावनाएं बढ़ाई
प्रो. राजीव कुमार ने बताया कि एआईसीटीई ने छात्रों के लिए नई तकनीकी शिक्षा के लिए करिकुलम को अपडेट किया है, जिसमें एआई, एमएल, रोबोटिक्स और अन्य उभरती तकनीकों को शामिल किया गया है। इससे इंजीनियरिंग कॉलेजों का करिकुलम अब वैश्विक स्तर पर एक बेहतरीन मॉडल बन चुका है, और इसके परिणामस्वरूप छात्रों की नौकरी की संभावना बढ़ी है।
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एआई से पिछड़ने पर नौकरी खतरे में, उद्यमियों को सही उपयोग की सलाह
वहीं, विज ने एआई के बारे में कहा कि यह तकनीक आपकी नौकरी को छीन सकती है यदि आप इसे सीखने में पीछे रह जाते हैं। उन्होंने उद्यमियों को सलाह दी कि वे एआई का सही तरीके से उपयोग करें और अपने व्यवसाय को और बड़ा बनाने के लिए इसे अपनाएं। उन्होंने बायजू प्रकरण पर भी टिप्पणी की और कहा कि ऐसी घटनाएं उस समय होती हैं जब कैश फ्लो और कॉरपोरेट गवर्नेंस पर ध्यान नहीं दिया जाता।
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