सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश जस्टिस यू यू ललित ने सही सवाल उठाया है। वे शुक्रवार सुबह साढ़े नौ बजे कोर्ट आ धमके और एक सुनवाई के दौरान कहा कि जब हमारे बच्चे सुबह सात बजे स्कूल जा सकते हैं तो हम लोग नौ बजे कोर्ट क्यों नहीं आ सकते। संभावना है कि अगले महीने ही जस्टिस ललित सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश भी बन जाएंगे।निश्चित ही समय की बात कहने के पीछे उनका इशारा कोर्ट की उन छुट्टियों की तरफ भी होगा जो कभी शीतकालीन तो कभी ग्रीष्मकालीन अवकाश के नाम पर ली जाती रही हैं। अब भी जारी हैं। निश्चित ही इशारा यह भी होगा कि देशभर की छोटी-बड़ी अदालतों में जब पौने पांच करोड़ केस लंबित हों तब जज और वकील इतनी सुस्ती से कैसे काम कर सकते हैं।
सुस्ती से मतलब अनेक छुट्टियां और साढ़े दस बजे से पहले सुनवाई शुरू नहीं होना और इसके अलावा किसी भी केस की अंतिम सुनवाई का कोई समय प्राय: तय नहीं होना।
More Stories
RG Kar Murder: CBI Seeks Death Penalty for Sanjay Roy
जेडीयू ने मणिपुर अध्यक्ष को हटाया, एनडीए समर्थन वापसी
इन 2 शेयरों ने दिया जबरदस्त मुनाफा