September 19, 2024

News , Article

UPSC

UPSC में सीधी भर्ती पर रोक: मोदी सरकार ने लेटरल एंट्री विज्ञापन पर लगाई पाबंदी

केंद्र सरकार ने संयुक्त सचिव, निदेशक, और उपसचिव के 45 रिक्त पदों पर सीधी भर्ती (लेटरल एंट्री) के विज्ञापन पर रोक लगा दी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निर्देश पर यह निर्णय लिया गया है। UPSC ने 17 अगस्त को इन पदों के लिए एक विज्ञापन जारी किया था, जिसमें इन लेवल की भर्तियों की सूचना दी गई थी। अब इस विज्ञापन पर रोक लगा दी गई है।

केंद्र सरकार ने लेटरल एंट्री के विज्ञापन पर रोक लगा दी है। इस मामले को लेकर कार्मिक मंत्री ने यूपीएससी (UPSC) चेयरमैन को पत्र लिखा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निर्देश पर सीधी भर्ती के विज्ञापन पर रोक लगा दी गई है।

Also read: जम्मू-कश्मीर में एक घंटे में दो बार महसूस किए गए भूकंप के झटके

UPSC भर्ती विज्ञापन पर सरकार के फैसले से सियासी बवाल मचा

बता दें कि यूपीएससी ने 17 अगस्त को एक विज्ञापन जारी करते हुए 45 ज्वाइंट सेक्रेटरी, डिप्टी सेक्रेटरी और डायरेक्टर लेवल की भर्तियां निकाली थी। सरकार के इस फैसले पर जमकर सियासी बवाल मचा। कांग्रेस समेत ज्यादातर विपक्षी दलों ने आरोप लगाया कि सरकार आरक्षण पर चोट कर रही है। इतना ही नहीं एनडीए के घटक दलों ने भी फैसले की आलोचना की।

Also read: कोलकाता डॉक्टर केस में सुप्रीम कोर्ट ने टास्क फोर्स के गठन की घोषणा की

सरकार ने सीधी भर्ती का फैसला क्यों वापस लिया

केंद्रीय कार्मिक मंत्री जितेंद्र सिंह ने यूपीएससी चेयरमैन को लिखे पत्र में बताया कि सरकार ने यह फैसला लेटरल एंट्री के व्यापक पुनर्मूल्यांकन के तहत लिया है। पत्र में कहा गया है कि ज्यादातर लेटरल एंट्री 2014 से पहले की थी। 2014 से पहले होने वाले लेटरल एंट्री में आरक्षण के बारे में कभी सोचा नहीं गया। नेशनल एडवाइजरी काउंसि पीएमओ को कंट्रोल करती थी।

Also read: हिमाचल प्रदेश में बारिश और भूस्खलन से कई मौतें और तबाही