पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सीवी आनंद बोस पर राजभवन की एक महिला कर्मचारी ने यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया है। उसने Green Street थाने में लिखित शिकायत दी है। समाचार एजेंसी PTI के अनुसार, महिला ने 24 मार्च को राज्यपाल से स्थायी नौकरी का निवेदन दिया था। बाद में राज्यपाल ने बदसलूकी की। गुरुवार को फिर ऐसा हुआ तो वह राजभवन के बाहर एक पुलिस अधिकारी से शिकायत करने गई।
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यद्यपि, राज्यपाल ने एक्स सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर महिला के आरोपों को खारिज कर दिया है। “ये मुझे बदनाम करने की साजिश है,” उन्होंने कहा। मेरे ऊपर गलत आरोप लगाए गए हैं। सत्य जीतेगा। मैं बनावटी नरेटिव से डरने वाला नहीं, उन्होंने कहा। यदि कोई मुझे बदनाम करके चुनाव में लाभ उठाना चाहता है, तो भगवान कृपा करे। मैं हिंसा और भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई को नहीं रोक सकता।’
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सागरिका घोष: क्या मोदी जी राज्यपाल से सफाई मांगेंगे?
तृणमूल कांग्रेस की सांसद सागरिका घोष ने महिला के आरोपों को लेकर एक वीडियो बयान जारी किया है। उन्हें बताया गया है कि बंगाल के राज्यपाल सीवी आनंद बोस पर गंभीर आरोप लगाए गए हैं। राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने एक महिला को राजभवन में दुर्व्यवहार, छेड़छाड़ और यौन उत्पीड़न करते देखा। महिला अब पुलिस स्टेशन में अपनी शिकायत दर्ज कर रही है। उन्होने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कोलकाता पहुंचते ही ऐसे गंभीर आरोप लग रहे हैं। Modi राजभवन में ही रहेंगे। मोदी जी राज्यपाल से माफी चाहेंगे? मोदी जी राजभवन में ऐसी घटना कैसे हुई?
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शुभेंदु अधिकारी का बयान: ‘अगर मामला सच हुआ तो कार्रवाई होगी’
भाजपा नेता शुभेंदु अधिकारी ने राज्यपाल पर लगे आरोपों को लेकर कहा कि यह पता लगाना होगा कि आरोप सही हैं या कोई साजिश है। 26,000 शिक्षकों की नौकरी चली गई है, और तृणमूल संदेशखाली मुद्दे पर घिरी है। यह जांच करना चाहिए कि क्या ये शिकायतें राजनीतिक साजिश हैं या नहीं। केंद्र सरकार निश्चित रूप से कार्रवाई करेगी अगर यह सच है।
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राजभवन में पुलिस के प्रवेश पर लगी रोक
इस बीच, राजभवन क्षेत्र में पुलिस के प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। वहीं, राज्यपाल ने मंत्री चंद्रिमा भट् टाचार्य के प्रवेश पर भी प्रतिबंध लगाया है। चंद्रिमा पर राज्यपाल ने संविधान विरोधी भाषण देने का आरोप लगाया। मंत्री के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए उन्होंने अटॉर्नी जनरल से सलाह मांगी है।
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