एक संयुक्त सुरक्षा समूह की रिपोर्ट में चीनी हैकर्स का खुलासा: उन्होंने पाँच सालों तक अमेरिकी इंफ्रास्ट्रक्चर में घुसपैठ किया, जिससे सरकारी एजेंसियाँ हाल ही में सूचित हुईं। रिपोर्ट के अनुसार, चीनी हैकर्स ग्रुप्स ने अमेरिका के कम्युनिकेशन, एनर्जी, ट्रांसपोर्टेशन, और वेस्ट-वॉटर मैनेजमेंट जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों की सभी जानकारी हासिल कर ली है।
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एक सुरक्षा समूह जिसमें पाँच देशों के विशेषज्ञ शामिल हैं
7 जनवरी 2024 को सार्वजनिक हुई इस जॉइंट साइबर सिक्योरिटी एडवाइजरी ग्रुप की रिपोर्ट में अमेरिका के साथ ही ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, न्यूजीलैंड, और ब्रिटेन के विशेषज्ञों की भी भागीदारी है।
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जानकारी जुटाने के अलावा इंफ्रास्ट्रक्चर पर कंट्रोल भी करने की तैयारी
साइबर ऑपरेशन्स का उद्देश्य खुफिया जानकारी नहीं, बल्कि दूसरे देशों के इंफ्रास्ट्रक्चर पर नियंत्रण प्राप्त करना है। अमेरिका-चीन टकराव में, चीन हैकर्स अपनी जुटाई गई जानकारी से अमेरिका और उसके सहयोगी देशों में संकट पैदा कर सकते हैं। सुरक्षा साइबर स्थिति में वृद्धि का स्रोत हो सकता है, दोनों देशों के बीच टकराव का खतरा बढ़ा सकता है।
FBI के डायरेक्टर का संसद में प्रस्तुति
अमेरिकी जांच एजेंसी FBI के डायरेक्टर क्रिस्टोफर रे ने संसद में इसी तरह के खतरों का चित्रण किया। FBI डायरेक्टर और सुरक्षा एजेंसी के अधिकारी रक्षा मंत्री के साथ सवालों के लिए मौजूद थे। दरअसल, संसद की एक खास सिलेक्ट कमेटी है। यह अमेरिका की सुरक्षा से जुड़े मामलों पर नजर रखती है। चीन के बढ़ते खतरों पर ‘द चाइनीज कम्युनिस्ट पार्टी सायबर थ्रेट टू द अमेरिकन होमलैंड एंड नेशनल सिक्योरिटी’ नामक सुनवाई की गई। FBI डायरेक्टर ने चीन के बढ़ते खतरों पर चेतावनी दी, कहा – चीन हैकर ग्रुप्स हमारे अहम सेक्टर्स में संवेदनशील हैं।
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चीन के सैटेलाइट से भी खतरा: विशेषज्ञों की चेतावनी
अमेरिकी इंटेलिजेंस डॉक्यूमेंट्स बताते हैं: चीन ने सैटेलाइट कम्युनिकेशन में मिलिट्री स्पेस टेक्नोलॉजी में सफलता प्राप्त की है चीन स्पेस वॉर में ताकत हासिल करने के लिए एंटी-सैटेलाइट मिसाइल, इलेक्ट्रॉनिक जैमर, लेजर विकसित कर रहा है। चीन ने 347 सैटेलाइट लॉन्च किए, जिससे अपने दुश्मन देशों की सेनाओं की निगरानी करना लक्ष्य है। एंटी-सैटेलाइट रोबोटिक डिवाइस तैयार किया है, जो सैटेलाइट्स को बर्बाद करने कब्जे में लेने के लिए उपयोग हो सकता है।
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