अफगानिस्तान के गजनी शहर में तालिबान ने गुरुवार को हत्या के आरोप में दो व्यक्तियों को एक फुटबॉल स्टेडियम में हजारों लोगों के सामने गोली मारकर सजा दी। इस दौरान किसी को भी फोन या कैमरा रखने की अनुमति नहीं थी।
इस मामले के संबंध में तालिबान के शरिया कोर्ट ने एक बयान जारी करके जानकारी प्रदान की है। इसके अनुसार, दोनों दोषी व्यक्तियों ने 2 व्यक्तियों को चाकू से मारकर हत्या कर दी थी। इसके बाद, तालिबान के सुप्रीम लीडर हिबतुल्लाह अखुंदजादा की मंजूरी के बाद, इन दोनों को सजा-ए-मौत दी गई।
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जनता के सामने सजा-ए-मौत का तीसरा मामला
वॉशिंटन पोस्ट के अनुसार, स्टेडियम में सजा के दौरान दोषियों के परिजनों ने माफी की गुहार लगाई, लेकिन UN ने इसे मानवीय अधिकारों का उल्लंघन बताया। यह तालिबान के सत्ता में वापसी के बाद तीसरी बार है जब सार्वजनिक तौर पर सजा दी गई है। तालिबान ने अब तक 4 लोगों को इस तरह से सजा दी है, समेत करीब 350 दोषियों को अन्य सजाएं भी दी गई हैं।
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12 अपराधियों में शामिल थीं 3 महिलाएं
नवंबर 2022 में, तालिबान के सुप्रीम लीडर हिबतुल्लाह अखुंदजादा ने एक घोषणा की, जिसमें उन्होंने शरिया अदालतों को सबके सामने गुनहगारों को सजा देने का आदान-प्रदान किया। इस घोषणा के पश्चात, 24 नवंबर को हजारों लोगों के सामने एक सार्वजनिक इवेंट में 12 दोषियों को कोड़े मारकर सजा-ए-मौत की गई। इस विधिवत दंडाधिकारी क्रिया में 3 महिलाएं भी शामिल थीं, जिससे समाज में विवाद उत्पन्न हुआ। यह घटना तालिबान के शासन में होने वाली एक और सार्वजनिक सजा का हिस्सा बन गई है और इसने अंतर्राष्ट्रीय समुदाय में चिंता और आलोचना का केंद्र बना दिया है।
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अफगानिस्तान में शरिया कानून
तालिबान ने अफगानिस्तान पर कब्जा करने के बाद सुनिश्चित किया था कि देश में इस्लामिक शरिया का पूरा अमल होगा। शरिया एक इस्लामी लीगल सिस्टम की तरह कार्य करती है जो इस्लाम के मानने वाले लोगों के लिए बनाया गया है। यह कई इस्लामी देशों में लागू होता है, लेकिन कई देशों में इसका पूरा अमल नहीं होता है, जैसे कि पाकिस्तान। इसमें रोजमर्रा की जिंदगी से लेकर विभिन्न मुद्दों पर कानून है।
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शरिया कानून व्यक्ति के पारिवारिक, वित्त, और व्यवसाय से जुड़े कानूनी मुद्दों को शामिल करता है। इसमें शराब पीना, नशीली दवाओं का इस्तेमाल करना, या तस्करी जैसे बड़े अपराधों का भी समाहित है। इन अपराधों में शामिल होने पर कड़ी सजा का प्रावधान है, जिससे यह एक विशेषकर सख्त और निर्दयी नियमों वाला कानूनी तंत्र बनाता है।
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