March 31, 2025

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शाहजहांपुर हत्याकांड: रोती मां – “पति ने मार डाला, मैंने चप्पल तक नहीं पहनी”

शाहजहांपुर हत्याकांड: जब कौशल्या बेटी कीर्ति को स्कूल लेने गई, तो उसने परीक्षा का बहाना बनाकर मना कर दिया. बोली – “मम्मी, आप जाइए… पापा हमें थोड़ी मारेंगे! मैं छोटे भाई का भी ख्याल रख लूंगी.”

चार बच्चों और पति को खोने के बाद कौशल्या को इस बात का पछतावा है कि जाते समय वह बच्चों को साथ क्यों नहीं ले गई? साथ ले जाती तो शायद उनकी जान न जाती. उसने इसकी पूरी कोशिश भी की थी. घर से निकलते वक्त बेटे को गोद में उठाया तो राजीव ने छीन लिया। उसे 20 रुपये का नोट और खिलौने देकर पुचकारने लगा था.

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मां की पीड़ा और सनकी राजीव की निर्दयता

कौशल्या अपनी बेटी कीर्ति को स्कूल लेने गई, लेकिन उसने परीक्षा का हवाला देकर साथ आने से मना कर दिया, यह सोचकर कि उसके पिता उन्हें नुकसान नहीं पहुंचाएंगे. मगर राजीव ने सभी का भरोसा तोड़ दिया। पोस्टमॉर्टम हाउस में रोती हुई कौशल्या ने बताया कि जिन बच्चों के लिए उसने खुद तकलीफें सहीं, उन्हीं को उसके पति ने मार डाला. राजीव की मारपीट से बेहोश होने के बाद वह मायके चली गई थी, लेकिन बच्चों को छोड़ने का दर्द उसे कचोटता रहा. अब वह खुद को दोषी मान रही थी और जीने की इच्छा भी खो चुकी थी.

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कौशल्या ने बताया कि बच्चों के बिना उसका मायके में मन नहीं लग रहा था. रातभर उसे नींद नहीं आई. उसने ससुर को कॉल करके कहा था कि बच्चों को देखते रहना. उसने ससुर से इसकी शिकायत भी की. इस पर ससुर पृथ्वीराज बोले- दिनभर मजदूरी करने के बाद घर आए थे. रात 12 बजे तक कई बार घर में झांककर देखा था. बच्चों और राजीव को सोते देखकर वह खुद भी अपनी झोपड़ी में जाकर सो गए. सुबह तक सबकुछ खत्म हो गया था.

मां का दर्द और राजीव की बेरहमी

पोस्टमॉर्टम हाउस में चीखती हुई कौशल्या बोली, “मुझे भी मार दो, नहीं तो फंदे से लटक जाऊंगी. इसी चीरघर में मेरी भी लाश आएगी. अब मैं जिंदा रहकर क्या करूंगी?” परिजन उसे संभालने की कोशिश करते रहे, जबकि महिला पुलिसकर्मी उसे सांत्वना देती रहीं अपने बच्चों को खोने के गम में डूबी कौशल्या खुद को ही दोषी मान रही थी.

परिवार की गरीबी के बावजूद रिश्तेदार बच्चों को पालना चाहते थे, लेकिन राजीव ने मना कर दिया. पहले, बहनोई राजकुमार कीर्ति को शाहबाद ले गया था। राजीव ने धमकी दी, “बेटी लौटाओ, वरना घर जला दूंगा.” डरकर राजकुमार ने कीर्ति को वापस भेज दिया.

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