March 18, 2025

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Nagpur: Police disperse an agitating crowd as communal tension prevailed Chitnis park area following the VHP-Bajrang Dal protest, in Nagpur, Monday, March 17, 2025. (PTI Photo)(PTI03_17_2025_000475A)

नागपुर में आखिर हुआ क्‍या… 2 अफवाहों से भड़के लोग

महाराष्ट्र के नागपुर में सोमवार को मुगल बादशाह औरंगजेब की कब्र के विरोध में हुए प्रदर्शन के बाद दो गुटों में झड़प हो गई. पहले महल और फिर हंसापुरी इलाके में हिंसा भड़क गई. जिससे स्थिति तनावपूर्ण हो गई और कई क्षेत्रों में कर्फ्यू लगाना पड़ा. नागपुर की इस हिंसा का मामला संसद तक पहुंच गया है. कांग्रेस सांसद रेणुका चौधरी ने राज्यसभा में इस मुद्दे पर चर्चा के लिए कार्य स्थगन प्रस्ताव का नोटिस दिया है.

फिलहाल नागपुर में हालात नियंत्रण में हैं. पुलिस के अनुसार, औरंगजेब की कब्र के खिलाफ प्रदर्शन के बाद दो गुट आमने-सामने आ गए. जिसके चलते महल इलाके में दोनों पक्षों के बीच पथराव हुआ और कुछ वाहनों में आग लगा दी गई. हिंसा पर काबू पाने के लिए पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़े और लाठीचार्ज भी किया.

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नागपुर में दो समुदायों के बीच हिंसक झड़प में पथराव, आगजनी और तोड़फोड़ हुई, जिसमें डीसीपी निकेतन कदम समेत दो पुलिसकर्मी घायल हो गए. गंभीर हालत में डीसीपी को अस्पताल में भर्ती कराया गया. आरएसएस मुख्यालय वाले महल क्षेत्र में पुलिस ने लाठीचार्ज और आंसू गैस के गोले दागे. नागपुर पुलिस ने प्रोहिबिट्री ऑर्डर जारी कर 40-50 लोगों को हिरासत में लिया. सीसीटीवी और वीडियो के आधार पर हिंसा में शामिल लोगों की धरपकड़ जारी है. एफआईआर दर्ज करने की प्रक्रिया शुरू हुई और क्षेत्र में धारा 163 लागू कर दी गई.

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नागपुर हिंसा पर मुख्यमंत्री फडणवीस और नितिन गडकरी की शांति की अपील

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और मंत्री नितिन गडकरी ने शांति और सद्भाव बनाए रखने की अपील की. पुलिस के अनुसार, महल इलाके में छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा के पास प्रदर्शन से हिंसा शुरू हुई. सीएम फडणवीस ने लोगों से शांति बनाए रखने और अफवाहों पर विश्वास न करने को कहा. उन्होंने बताया कि महल इलाके में पथराव के बाद पुलिस हालात संभाल रही है. गृह विभाग संभाल रहे फडणवीस ने कहा कि वह पुलिस के लगातार संपर्क में हैं. उन्होंने पुलिस को लोगों के साथ सहयोग करने का निर्देश दिया.

डीसीपी नागपुर अर्चित चांडक ने कहा, ‘यह घटना कुछ गलतफहमी के कारण हुई. स्थिति अभी नियंत्रण में है. यहां हमारा बल मजबूत है. मैं सभी से अपील करता हूं कि वे बाहर न निकलें…या पत्थरबाजी न करें. दरअसल, सोमवार को नागपुर में हिंसा भड़ने की वजह दो अफवाहें थी. नागपुर में बजरंग दल और विश्‍व हिंदू परिषद के विरोध प्रदर्शन के बीच पहली अफवाह यह फैली कि एक धार्मिक ग्रंथ को नुकसान पहुंचाया गया है. वहीं, दूसरी अफवाह कुछ असामाजिक तत्‍वों द्वारा ये फैलाई गई कि पवित्र चादर को आग लगा दी गई है. हालांकि, कहीं कुछ ऐसा हुआ ही नहीं था. इन अफवाहों से एक समुदाय विशेष के लोग भड़क गए और सड़कों पर उतर आए.

कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने कहा कि नागपुर में दंगों की खबरें बेहद परेशान करने वाली हैं. खेड़ा ने कहा कि महल मुख्यमंत्री का अपना क्षेत्र है. पिछले कई दिनों से 300 साल पुराने इतिहास को हथियार बनाकर इसका इस्तेमाल विभाजन, ध्यान भटकाने और अशांति पैदा करने के लिए किया जा रहा है. ये हिंसा केंद्र और राज्य दोनों जगहों पर सत्तारूढ़ प्रशासन की विचारधारा उजागर करती हैं.

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