दिल्ली विधानसभा चुनाव का प्रचार आज समाप्त हो जाएगा, इसके साथ ही उन सीटों पर भी प्रचार खत्म हो जाएगा, जहां उपचुनाव हो रहे हैं, जिनमें उत्तर प्रदेश की मिल्कीपुर सीट भी शामिल है। प्रचार के आखिरी दिन बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी और समाजवादी पार्टी के नेता अखिलेश यादव मिल्कीपुर में जनसभा करेंगे। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार को मिल्कीपुर में जनसभा की थी। इस बीच, रविवार को अयोध्या में एक दलित युवती की लाश मिलने से चुनाव प्रचार में हलचल मच गई है।
दलित युवती का शव मिलने के बाद सपा सांसद अवधेश प्रसाद मीडिया के सामने आए और रोते हुए कहा कि वे इस मुद्दे को संसद में उठाएंगे। यदि युवती को न्याय नहीं मिला, तो वे अपना इस्तीफा दे देंगे। इस बीच, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार को मिल्कीपुर में एक जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि इस हत्या में समाजवादी पार्टी का ही कोई अपराधी शामिल होगा। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि सपा सांसद इस घटना पर सिर्फ नौटंकी कर रहे हैं। योगी ने कहा कि सपा को गाजी और बदमाशों से प्यार है, और वे मिल्कीपुर के मोईद खान और कन्नौज के नवाब यादव को पसंद करते हैं, जो एक बेटी पर हमला करने जैसे जघन्य कृत्य में शामिल हैं।
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पुलिस ने दिखाई सक्रियता
लड़की का शव मिलने की घटना ने मिल्कीपुर की जनता को गहरा झटका दिया है, खासकर चुनाव से तीन दिन पहले यह घटना सामने आई। इस घटना ने प्रशासन पर कई सवाल खड़े कर दिए हैं। लड़की के परिजनों ने उसकी गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई थी, लेकिन पुलिस ने कोई गंभीरता नहीं दिखाई। सपा नेता आरोप लगा रहे हैं कि लड़की की आंखें निकाल ली गई थीं, हालांकि पुलिस ने इससे इनकार किया है। जैसे ही इस मामले में राजनीतिक माहौल गर्म हुआ, पुलिस ने अपनी सक्रियता बढ़ाई और हत्या के मामले में हरिराम कोरी, विजय साहू और दिग्विजय सिंह नामक तीन लोगों को गिरफ्तार किया। इस तरह, पुलिस ने इस मामले में हो रही राजनीतिक हलचल को थाम लिया। अगर पुलिस सक्रिय नहीं होती, तो इसका चुनाव पर गहरा असर पड़ सकता था।
मिल्कीपुर उपचुनाव अब रोमांचक हो गया है। सपा ने अजित प्रसाद, बीजेपी ने चंद्रभानु पासवान, और आजाद समाज पार्टी (कांशीराम) ने सूरज चौधरी को उम्मीदवार बनाया है। दिलचस्प यह है कि तीनों उम्मीदवार पासी जाति से हैं, जिससे वोट बैंक में बंटवारा होगा। कांग्रेस के बागी भोलानाथ भारती भी इस चुनाव को चतुष्कोणीय बनाने की कोशिश कर रहे हैं, और उन्होंने पहले पंचायत चुनाव में अजित प्रसाद को हराया था।
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मिल्कीपुर में किस जाति के कितने वोट
मिल्कीपुर में दलित और ब्राह्मण वोट अहम भूमिका निभा रहे हैं, जबकि मुसलमान भी अच्छी संख्या में हैं। दलितों में सबसे बड़ी आबादी पासी जाति की है, लेकिन तीन पासी उम्मीदवारों के होने से इस वोट बैंक में बंटवारा होना तय है। यहां 60 हजार से ज्यादा ब्राह्मण वोट हैं, और दोनों प्रमुख पार्टियां इन वोटों को लुभाने के लिए प्रयासरत हैं, जहां दोनों दलों के ब्राह्मण नेता अपने-अपने दल के लिए प्रचार कर रहे हैं। ओबीसी वोटरों में यादवों की संख्या 60 हजार से अधिक है, जो सपा का पारंपरिक वोट बैंक मानी जाती है। मुसलमानों की संख्या 30 हजार से ज्यादा है, जो भी सपा से जुड़े हुए माने जाते हैं। इसके अलावा, ओबीसी की अन्य जातियों की संख्या करीब 40 हजार है, जिनमें वोटों का बंटवारा बीजेपी और सपा के बीच हो रहा है।
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