दिल्ली की एक अदालत ने सोमवार को शराब घोटाला मामले में आप नेता और पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया की न्यायिक हिरासत को 22 जुलाई तक बढ़ा दिया। राउज एवेन्यू कोर्ट की जज कावेरी बावेजा ने यह निर्णय दिया। इससे पहले पिछले सप्ताह सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस न्यायमूर्ति संजय कुमार ने सिसोदिया की जमानत याचिका पर सुनवाई से अपने आप को अलग कर लिया था। तीन जजों की पीठ का नेतृत्व कर रहे न्यायमूर्ति संजीव खन्ना ने सिसोदिया के प्रतिनिधित्व में वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी को जस्टिस संजय कुमार की सुनवाई से अलग होने के बारे में सूचित किया था।
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स्टिस कुमार नहीं सुनाएंगे मनीष सिसोदिया मामले की सुनवाई
न्यायमूर्ति खन्ना ने कहा डॉ. सिंघवी, जस्टिस कुमार व्यक्तिगत कारणों से इस मामले की सुनवाई नहीं करना चाहेंगे। बाद में चीफ जस्टिस ने सिसोदिया की जमानत याचिका पर इसी हफ्ते एक अलग पीठ के समक्ष सुनवाई करने का निर्देश दिया था। इससे पहले पिछले महीने शीर्ष अदालत ने भ्रष्टाचार और धन शोधन मामलों में जमानत की मांग करने वाली सिसोदिया की याचिकाओं का निपटारा कर दिया था। ऐसा तब हुआ था जब सॉलिसिटर जनरल (एसजी) तुषार मेहता ने कहा था कि शराब नीति मामले में अंतिम आरोप पत्र/शिकायत 3 जुलाई तक दायर की जाएगी।
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दिल्ली हाई कोर्ट ने वापस की वरिष्ठ आप नेता की जमानत याचिका
इससे पहले, दिल्ली हाई कोर्ट ने वरिष्ठ आप नेता को जमानत देने से इनकार करते हुए कहा था कि वह भ्रष्टाचार के मामले में जमानत देने के लिए ट्रिपल टेस्ट और धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए), 2002 के तहत आवश्यक शर्तों को पूरा करने में वो विफल रहे। हालांकि, कोर्ट ने स्पष्ट किया कि वह अपनी बीमार पत्नी से हर हफ्ते मिल सकते हैं। बता दें कि सिसोदिया को दिल्ली शराब घोटाले से संबंधित मनी लॉन्ड्रिंग मामले में पिछले साल फरवरी में गिरफ्तार किया गया था।
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