पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता के आर.जी. कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में एक महिला ट्रेनी डॉक्टर के साथ हुई जघन्य घटना पर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होगी. महिला डॉक्टर के रेप और हत्या के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने स्वत: संज्ञान लिया है. सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता में एनए पीठ इस मामले की सुनवाई करेगी. जांच सीबीआई द्वारा की जा रही है और इस मामले के लिए एक एसआईटी भी गठित की गई है.
Also Read: मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले में बागेश्वर धाम जा रही टैक्सी ट्रक में घुसी, 7 की मौके पर मौत
महिला डॉक्टर के साथ रेप और हत्या के मामले पर देशभर में विरोध-प्रदर्शन
महिला डॉक्टर के साथ रेप और हत्या के मामले को लेकर देशभर में विरोध-प्रदर्शन का दौर जारी है. तमाम अस्पतालों के डॉक्टरों ने इस घटना में शामिल सभी आरोपियों के लिए सख्त से सख्त सजा की मांग की है. इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) ने भी कहा है कि दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा दी जाए. इसके अलावा घटना के कारणों की भी जांच हों और डॉक्टरों की सुरक्षा में सुधार के लिए तत्काल कदम उठाए जाएं.
Also Read: Consecutive earthquakes strike Jammu and Kashmir’s Baramulla, no damage reported
रहस्यमय परिस्थितियों में मिला था शव
बता दें कि बीते दिनों कोलकाता स्थित आरजी कर मेडिकल कॉलेज और हॉस्पिटल की एक ट्रेनी महिला डॉक्टर का शव रहस्यमय परिस्थितियों में मिला था. वह अस्पताल में स्नातकोत्तर द्वितीय वर्ष की मेडिकल छात्रा थी और चेस्ट मेडिसिन विभाग में हाउस स्टाफ के रूप में भी काम कर रही थी. अस्पताल के कर्मचारियों ने आपातकालीन बिल्डिंग की चौथी मंजिल पर उनका शव देखा था.
Also Read: Jharkhand: Boy Chokes to Death After Rasgulla Gets Stuck in His Throat
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने डॉक्टरों की सुरक्षा के लिए समिति गठित करने का आश्वासन दिया
इस मामले में सीबीआई जांच कर रही है. प्रदेश की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी मामले को फास्ट-ट्रैक कोर्ट में ले जाने के निर्देश दिए. उन्होंने कहा है कि अगर जरूरत पड़ी, तो आरोपियों को फांसी की सजा दी जाएगी. डॉक्टरों के विरोध को देखते हुए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए हर संभव प्रयास करने का आश्वासन दिया है. मंत्रालय द्वारा एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि स्वास्थ्य पेशेवरों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए एक समिति गठित की जाएगी. यह आश्वासन फेडरेशन ऑफ रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन, इंडियन मेडिकल एसोसिएशन और दिल्ली के सरकारी मेडिकल कॉलेजों और अस्पतालों के रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन के प्रतिनिधियों द्वारा दिल्ली में केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के अधिकारियों के साथ मुलाकात के बाद आया.
More Stories
पूर्व भारतीय क्रिकेटर रॉबिन उथप्पा पर गंभीर आरोप के बाद जारी हुआ अरेस्ट वारंट
Gujarat Shocker: Woman Claims Nerve Damage After Doctor Operates on Wrong Leg
Indian-Origin Immigrant Jailed for 5 Years in UK Wickes Assault Case