March 6, 2025

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सचिन

‘सचिन तो सिर्फ मोहरा, कत्ल के पीछे…’; मां के इस खुलासे से हिमानी हत्याकांड में यू-टर्न

सचिन तो सिर्फ एक मोहरा है, जबकि वारदात के पीछे की सच्चाई कुछ और ही है. हिमानी की मां ने बड़ा बयान देते हुए सचिन को लेकर कई खुलासे किए हैं. उन्होंने बताया कि हिमानी को पैसों की कोई समस्या नहीं थी, क्योंकि वह अपनी नौकरी और किराये से खर्च संभाल रही थी. पुलिस ने कांग्रेस कार्यकर्ता हिमानी हत्याकांड का खुलासा करते हुए उसके दोस्त सचिन को हत्यारोपी बताया है और हत्या की वजह रुपये के लेनदेन को बताया है. हालांकि, पुलिस की यह थ्योरी लोगों को संदेहास्पद लग रही है.

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सचिन पर, लेकिन साजिश के पीछे कोई और?

हालांकि, जिस दोस्त पर हत्या का आरोप लगा है, उसके खुद के हालात अच्छे नहीं थे और मोबाइल रिपेयरिंग की दुकान चलाकर गुजारा करता था. कांग्रेस कार्यकर्ता होने के चलते हिमानी की शहर के करोड़पति लोगों से अच्छी जान-पहचान थी. कहीं, ऐसा तो नहीं कि सचिन को इस घटना में केवल मोहरे के रूप में प्रयोग किया गया हो. कुछ इसी तरह की बात हिमानी के परिजन कह रहे हैं.

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मां ने उठाए पुलिस की थ्योरी पर सवाल, सचिन की भूमिका संदिग्ध?

हिमानी की मां सविता ने बताया कि पुलिस ने हत्या की जिस तरह कहानी बयां की है, वह उनके गले से नहीं उतर रही है. सचिन उनकी बेटी का केवल जान पहचान का हो सकता है. ऐसे में सचिन की कोई हैसियत नहीं है और वह खुद मोबाइल रिपेयरिंग की दुकान चलाकर परिवार का लालन-पालन कर रहा है. मीडिया में सुना है कि उसके बच्चों की कई माह की फीस तक नहीं भरी गई है. हिमानी ऐसे व्यक्ति से दोस्ती करके उससे रुपये मांगती, यह बात समझ से परे हैं. शहर के कई ऐसे नेता और करोड़पति लोग हैं, जो हिमानी को बेटी मानते थे. यदि उसे रुपये चाहिए होते तो वह उनसे भी कह सकती थी.

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सचिन पर, साजिश के गहरे राज़ की ओर इशारा?

यदि शहर के लोगों से ही रुपये लेने होते तो किसी भी पितातुल्य करोड़पति व्यक्ति से मांग सकती थी, लेकिन सचिन से रुपये मांगना अपने आपमें सवाल है. कहीं, ऐसा तो नहीं कि सचिन को किसी ने मोहरे की तरह प्रयोग किया हो और घटना के पीछे कोई और हो. पुलिस मामले की तह तक पहुंचकर जांच करे. वहीं, पुलिस सूत्रों ने बताया कि कांग्रेस कार्यकर्ता हिमानी की 28 फरवरी को हत्या करके सचिन शव सांपला में फेंकने के बाद रात करीब 1 बजे अपने घर के लिए रवाना हुआ था. रात में घर पर रुकने के बाद वह एक मार्च की सुबह एक बार फिर सांपला बस स्टैंड पर शव देखने पहुंचा. करीब आधा घंटे तक वहां पर पुलिस और भीड़ को देखने के बाद हत्यारोपी बस में सवार होकर दिल्ली भाग गया था.