हाथरस हादसे के मुख्य आरोपी देव प्रकाश मधुकर के साथ इस मामले में कुल 11 लोग अब तक जेल भेजे जा चुके हैं। इन्हें लेकर जेल भेजने के बाद सबसे पहले तो इनके आधार व पैनकार्ड जुटाए गए हैं, जिनमें से कुछ के आधार व पैनकार्ड मिलने में देरी हुई है। इसके बाद इनके मूल पते के बैंकों और इनके वर्तमान पते से जुड़ी सभी बैंकों और संबंधित जिलों के लीड बैंक मैनेजरों को पत्र भेजे गए हैं कि इनके नाम से और आयोजन से जुड़े ट्रस्ट के नाम से कितने खाते हैं, इस विषय में जानकारी दी जाए। ये सभी पत्र एसपी हाथरस की ओर से भेजे गए हैं।
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खातों की जांच और ऑडिट के लिए उठाए गए कदम
कुछ जगहों से सूचना भेजी जा रही है। वहीं कुछ जगहों से सूचना भेजने में कोई तत्परता नहीं दिखाई जा रही है, जिन्हें पुन: पत्राचार या फोन से संपर्क किया जा रहा है। इनके स्तर से खातों की संख्या बताई जा रही है। उनसे साथ की साथ यह भी पूछा जा रहा है कि इनके बैंक खातों से पिछले पांच वर्ष में कितना और कब-कब, क्या क्या लेन व देन हुआ है। ये भी जानकारी दी जाए, उसी आधार पर अध्ययन किया जाएगा, जिसमें यह उजागर होगा कि किस स्तर से कितना धन आया है और कितना किस स्तर पर गया है। इस काम में सीए आदि की मदद से ऑडिट कराकर फिर ईडी की मदद भी ली जाएगी।
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फंडिंग से जुड़े तथ्यों की जांच और ऑडिट
सिकंदराराऊ हादसे के मुख्य आरोपी देव प्रकाश मधुकर की गिरफ्तारी के बाद सामने आए फंडिंग से जुड़े तथ्य पर पुलिस ने जांच शुरू कर दी है। मधुकर के साथ-साथ सत्संग से जुड़ी कमेटी, ट्रस्ट और उनके सभी सदस्यों के आधार-पैनकार्ड जुटाकर बैंकों से पत्राचार किया गया है। इसमें उनके बैंक खातों की संख्या व उनके पिछले पांच वर्ष के लेनदेन का विवरण जानने का प्रयास हो रहा है। इस आधार पर जांच की दिशा आगे बढ़ाई जाएगी, ताकि साफ हो सके कि धन कहां से आता है और किस तरह आगे ट्रांसफर किया जाता है। इसमें सीए आदि की मदद से ऑडिट कराकर फिर ईडी की मदद भी ली जाएगी।
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हाथरस हादसे में देवप्रकाश मधुकर ने कबूल की ये बातें
सिकंदराराऊ में दो जून को हुए हादसे में 121 लोगों की मौत हुई। इस मामले में मुख्य आरोपी के रूप में सत्संग कमेटी के मुख्य सेवादार देवप्रकाश मधुकर का नाम सामने आया। साथ में चार अन्य सहयोगी सामने आए। मधुकर को दिल्ली से गिरफ्तार किया गया। इसके अलावा 10 और आरोपी जेल भेजे जा चुके हैं। पुलिस ने उजागर किया था कि देवप्रकाश ने कुछ राजनीतिक दलों से रिश्ते स्वीकारें हैं और भोले बाबा के सत्संग आयोजनों के लिए वह लंबे समय से धन एकत्रित करने का काम भी करता है। इस आधार पर देवप्रकाश की मनी ट्रेल की जांच करना तय किया गया था।
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