दिल्ली पुलिस ने बच्चों की तस्करी करने वाले एक गिरोह का भंडाफोड़ कर छह महिलाओं समेत आठ लोगों को गिरफ्तार किया है। अधिकारियों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी।
पुलिस के मुताबिक आरोपियों की पहचान दिल्ली की नीतू, सोनिया, विनीत और मीना, उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद की रहने वाली रेखा अग्रवाल और मोनी बेगम जबकि हरियाणा की रहने वाली पिंकू देवी और दिग्विजय सिंह के रूप में हुई है।
दिल्ली महिला आयोग के एक काउंसलर की शिकायत पर रविवार को मामला दर्ज किया गया था। पुलिस के मुताबिक, अपनी शिकायत में काउंसलर ने बताया कि शनिवार को उसे सूचना मिली कि फोन करने वाले ने तीन दिन के बच्चे को अपने दोस्त के जरिए बेच दिया। पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक जांच के दौरान तकनीकी निगरानी की मदद से इस मामले में नीतू और उसके साथियों की भूमिका सामने आई। पुलिस को पता चला कि नीतू ने पिछले साल अक्टूबर में मदन मोहन मालवीय नगर अस्पताल में एक बच्चे को जन्म दिया था।
सोनिया ने 27 अक्टूबर को उसे वहां से छुट्टी दिलवाई और संगम विहार स्थित अपने आवास पर ले गई। अगले दिन, मीना के माध्यम से नीतू ने अपने बच्चे को पांच लाख रुपये में गाजियाबाद के प्रताप विहार में स्थित एक नर्सिंग होम (आईवीएफ केंद्र) में बेच दिया।
बाल तस्करी क्या होता है?
बाल तस्करी / ट्रैफिकिंग / दुर्व्यापार संगठित अपराध होने के साथ-साथ बाल अधिकारों का उल्लंघन भी है। बच्चों की तस्करी मुख्यतः वैश्यावृति लैंगिक शोषण, श्रम, दास प्रथा, मानव अंगों की खरीद-फरोख्त, बालक एवं बालिकाओं का विभिन्न कार्यों हेतु अपहरण मुख्य है।
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